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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में गुरुवार (21 दिसंबर) को आतंकवादियों ने सेना के एक ट्रक और जिप्सी पर घात लगाकर हमला किया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आर्मी के 2 व्हीकल पर हुए आतंकी हमले में 4 जवान शहीद हो गए हैं। 3 जवान घायल हुए हैं। आतंकियों के हमले के बाद भारतीय सेना के जवानों ने भी तुरंत जवाबी कार्रवाई की।

सेना के अधिकारी ने बताया कि राजौरी सेक्टर के थानामंडी इलाके में जवान बुधवार शाम से पहले से चल रहे ज्वॉइंट ऑपरेशन को मजबूती देने जा रहे थे। इसी दौरान आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया। ऑपरेशन 48 राष्ट्रीय राइफल्स इलाके में हो रहा है। यहां लगातार गोलीबारी भी हो रही है। एक महीने से भी कम समय में इस क्षेत्र में सेना पर यह दूसरा आतंकी हमला है।

जम्मू में रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने बताया, "आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में पुख्ता खुफिया जानकारी के आधार पर पुंछ जिले के ढेरा की गली इलाके में बुधवार रात एक संयुक्त तलाशी अभियान चलाया गया। वहां मुठभेड़ शुरू हो गई थी।"

अधिकारियों ने बताया कि ये जवान घटनास्थल की ओर बढ़ रहे थे, तभी आतंकवादियों ने दो वाहनों- एक ट्रक और एक जिप्सी- पर गोलीबारी की, जिसमें 4 सैनिक शहीद हो गए और 3 अन्य घायल हो गए। उन्होंने बताया कि अभियान जारी है और विस्तृत जानकारी का इंतजार किया जा रहा है।

घटनास्थल की व्यथित करने वाली तस्वीरों और वीडियो में सड़क पर पड़ा खून, सैनिकों के टूटे हुए हेलमेट और सेना के दो वाहनों के टूटे हुए शीशे दिखाई दे रहे हैं। अधिकारियों ने भीषण टकराव के दौरान सैनिकों और आतंकवादियों के बीच आमने-सामने की लड़ाई होने की संभावना से इंकार नहीं किया।

अधिकारियों ने कहा कि ऐसी संभावना है कि जिन सैनिकों पर हमला किया गया, आतंकवादी उनके हथियार लेकर चले गए हैं। अभियान जारी रहने के दौरान अधिकारी अधिक जानकारी इकट्ठा करने और क्षेत्र में आतंकवादियों द्वारा उत्पन्न खतरे को समाप्त करने की पुरजोर कोशिश में जुटे हैं। इस हमले से कुछ ही सप्ताह पहले पास के राजौरी जिले में बाजीमाल वन क्षेत्र के धर्मसाल बेल्ट में गोलीबारी के दौरान 2 कैप्टन समेत 5 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे।

राजौरी जिले में सुरक्षा बलों के साथ नवंबर में इस मुठभेड़ में अफगानिस्तान में प्रशिक्षित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के शीर्ष कमांडर समेत दो आतंकवादी मारे गये थे।

राजौरी और पुंछ जिलों की सीमा पर स्थित ढेरा की गली और बुफलियाज के बीच का इलाका घने जंगलों वाला है और यह चमरेर जंगल और फिर भाटा धुरियन जंगल की ओर जाता है, जहां इस साल 20 अप्रैल को सेना के एक वाहन पर घात लगाकर किए गए हमले में पांच सैनिक शहीद हो गए थे। इसके बाद मई में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान चमरेर जंगल में सेना के पांच और जवान शहीद हो गए थे और मेजर रैंक का एक अधिकारी घायल हो गया था। इस अभियान में एक विदेशी आतंकवादी भी मारा गया था।

इससे पहले अक्टूबर 2021 में वन क्षेत्र में आतंकवादियों के दो अलग-अलग हमलों में नौ सैनिक शहीद हो गए थे। चमरेर में 11 अक्टूबर को एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) सहित 5 सैन्यकर्मी शहीद हुए थे, जबकि 14 अक्टूबर को एक निकटवर्ती जंगल में एक जेसीओ और तीन सैनिकों ने जान गंवाई थी।

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