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अगरतला: पीएम मोदी ने एक रैली के दौरान त्रिपुरा में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और लेफ्ट के बीच हुए गठबंधन पर तंज कसा है। उन्होंने शनिवार को त्रिपुरा में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आज जो पार्टियां केरल में 'कुश्ती' कर रही हैं, वहीं यहां अपने फायदे के लिए एक साथ आए हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कुछ और पार्टियां भी विपक्ष के इस गठबंधन को अपना साथ दे रही हैं। लेकिन मैं जनता से सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि आपका कोई भी वोट अगर इन्हें गया तो ये त्रिपुरा के विकास को कई वर्ष पीछे ले जाने के लिए होगा।

प्रधानमंत्री ने गोमती जिले के राधाकिशोरपुर में एक चुनावी रैली में कहा कि जो पार्टियां कुशासन के लिए ही जानी जाती रही हैं वो आज 'चंदे' लिए हाथ मिला चुके हैं। मैं आपको बता दूं ये वही पार्टियां हैं जो केरल में 'कुश्ती' लड़ रही हैं और त्रिपुरा में 'दोस्ती' दिखा रही हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष सिर्फ आपके वोट को बांटना चाहती है। कुछ छोटी पार्टियां भी वोट को बांटने के लिए उनका साथ दे रही हैं। उन्हें लगता है कि वो ऐसा करके चुनाव का परिणाम बदल देंगे और इसके बाद उन्हें इसके लिए जो चाहें वो मिलेगा।

उन्होंने कहा, जो लोग खीरद-फोरख्त का ख्वाब लेकर चल रहे थे उन्होंने तो खुदको अब अपने ही घर में कैद कर लिया है।

इससे पहले दिन में धलाई जिले के अंबासा में एक अन्य चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि लेफ्ट और कांग्रेस की सरकारों ने आदिवासियों के बीच विभाजन पैदा किया, जबकि भाजपा ने उनके मुद्दों को हल करने के लिए काम किया है। इन मुद्दों में खास तौर पर ब्रू भी शामिल हैं।

भाजता देश में आदिवासियों के विकास के लिए काम कर रही है। हमने मिजोरम से विस्थापित 37,000 से अधिक ब्रू लोगों का त्रिपुरा में पुनर्वास कराया है। हमारी सरकार ने उच्च शिक्षा में आदिवासी भाषा कोकबोरोक को जोड़ा है। बात अगर केंद्रीय बजट की करूं तो हमने इसमें आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए 1 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

सीओवीआईडी ​​​​-19 के खिलाफ लड़ाई का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वाम शासित राज्य में, बहुत से लोग कोरोनो वायरस से पीड़ित हुए और उनकी जान चली गई, लेकिन त्रिपुरा सुरक्षित था क्योंकि भाजपा ने लोगों के जीवन की रक्षा की। हमने ऐसे प्रबंध किए जिससे की ज्यादा से ज्यादा लोगों को उस महामारी से बचाया जा सके।

त्रिपुरा में पहले वामपंथियों को योजनाओं का लाभ मिलता था: पीएम मोदी 

त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही दिनों का वक्त रह गया है। ऐसे में सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने अपना चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। भाजपा के कई कद्दावर नेता त्रिपुरा में चुनाव प्रचार में जुटे हैं। वहीं, अब पीएम मोदी ने भी शनिवार को एक रैली की। इस दौरान उन्होंने विरोधी दलों पर जमकर जुबानी हमला बोला।

मोदी ने कहा, "त्रिपुरा चुनाव की मेरी यह पहली जनसभा है और यहां मैं देख रहा हूं कि इतनी बड़ी संख्या में, जहां तक मेरी नजर जा रही है... लोग ही लोग नजर आ रहे हैं। मैं आपका हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।" उन्होंने कहा, "ये खुशी और उत्साह सही मायने में बताता है कि विकास का ये डबल इंजन रुकने वाला नहीं है। सभी दिशाओं से मजबूत आवाजें हैं 'फिर एक बार, डबल इंजन की सरकार'।"

मोदी ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस और वामपंथियों ने त्रिपुरा को विकास के मामले में पीछे धकेल दिया था, लेकिन हमारी सरकार सिर्फ पांच सालों में ही त्रिपुरा को तेज विकास की पटरी पर ले आई है। अब त्रिपुरा की पहचान हिंसा और पिछड़ापन नहीं है।

त्रिपुरा में पहले एक ही पार्टी को झंडा फहराने की इजाजत थी, लेकिन आज भाजपा सरकार ने त्रिपुरा को डर, भय और हिंसा से मुक्ति दी है। पहले त्रिपुरा में केवल वामपंथी कैडर को ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता था, लेकिन अब हर नागरिक को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। पुलिस थानों तक पर सीपीएम कैडर का कब्जा था, लेकिन भाजपा सरकार ने राज्य में कानून का राज स्थापित किया है।

एशिया का 'गेटवे' बनेगा त्रिपुरा

मोदी ने कहा, "हमारा संकल्प पत्र यह साबित करता है कि भाजपा वही करती है जो आप चाहते हैं और हम वही करते हैं जो आपकी प्राथमिकता होती है, जो आपकी जरूरत होती है। हमने अपने संकल्प पत्र में नए लक्ष्य के साथ नए कदम उठाने का फैसला लिया है। त्रिपुरा में गांव-गांव तक ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का काम जारी है। पिछले आठ वर्षों में तीन गुना से ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर त्रिपुरा में बिछाए जा चुके हैं। त्रिपुरा दक्षिण एशिया का 'गेटवे' बनने की ओर अग्रसर है।

16 फरवरी को विधानसभा चुनाव

त्रिपुरा की सभी 60 सीटों पर 16 फरवरी को विधानसभा चुनाव होगा, जबकि मेघालय और नगालैंड में 27 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। मेघालय और नगालैंड में भी 60-60 सीटें हैं। इन तीनों राज्यों में चुनाव के नतीजों का एलान 2 मार्च को किया जाएगा।

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