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नई दिल्ली: टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रहा है। कैश फॉर क्वेरी मामले में ईडी ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। ईडी की तरफ से टीएमसी नेता के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि इस मामले में लोकपाल के आदेश के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पहले से ही जांच कर रही है। लोकपाल ने सीबीआई को छह महीने में रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया था।

फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) के मामले में मोइत्रा से सोमवार को ईडी पूछताछ करने वाली थी। लेकिन उन्होंने एजेंसी को चिट्ठी लिखकर पेशी के लिए 21 दिन की मोहलत मांगी थी। हालांकि, ईडी ने महुआ मोइत्रा को एक्सटेंशन देने से इंकार कर दिया था। जांच एजेंसी ने मोइत्रा को नया समन जारी किया है और उन्हें 7 दिन बाद पूछताछ के लिए बुलाया है।

पिछले साल बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर महंगे गिफ्ट्स और पैसे लेने के बदले में संसद में कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर सवाल पूछने के आरोप लगाए थे।

महुआ मोइत्रा पर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का भी आरोप लगा था। जांच में दोषी पाए जाने पर महुआ को 8 दिसंबर 2023 को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था।

खाली करना पड़ा था सरकारी बंगला

कैश फॉर क्वेरी मामले में सांसदी जाने के बाद टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को सरकारी बंगला भी खाली करना पड़ा। उन्होंने 19 जनवरी को दिल्ली के टेलीग्राफ लेन स्थित बंगला नंबर 9बी खाली कर दिया था। महुआ के वकील ने बताया कि डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स (डीओई) के अधिकारी बंगला खाली करवाने आए थे। हालांकि, उनके पहुंचने से पहले ही सुबह 10 बजे तक बंगला खाली हो चुका था। डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स ने 16 जनवरी को नोटिस भेजकर महुआ से फौरन बंगला खाली करने को कहा था। इससे पहले डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स ने महुआ को 7 जनवरी और 12 जनवरी को नोटिस भेजा था।

कृष्णानगर सीट से टीएमसी ने महुआ को बनाया है प्रत्याशी

तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से एक बार फिर महुआ मोइत्रा को ही उम्मीदवार बनाया है। इस बार महुआ मोइत्रा को स्थानीय शाही परिवार की बीजेपी की उम्मीदवार अमृता रॉय से सीधी चुनौती मिल रही है। 49 वर्षीय महुआ मोइत्रा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कृष्णानगर में आसानी से जीत हासिल की थी और 45 प्रतिशत वोट हासिल कर भाजपा के कल्याण चौबे को 60,000 वोटों से हराया था।

 

 

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