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नई दिल्ली: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने पंजाब के लिए भारी-भरकम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) की शनिवार को घोषणा की जिसमें 36 उपाध्यक्ष, 96 महासचिव और 68 सदस्यीय कार्यकारी समिति शामिल हैं। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं जिसके मद्देनजर यह समिति गठित की गई। राज्य में सत्तारूढ़ अकाली-भाजपा सरकार के अलावा आप से कड़ी चुनौती मिलने की संभावना के बीच कांग्रेस ने यह समिति गठित करने में सभी का ख्याल रखने की कोशिश की है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मंजूरी के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव शकील अहमद ने इस समिति की घोषणा की। चूंकि पीसीसी प्रमुख अमरिंदर सिंह विदेश गए थे, इसलिए समिति की घोषणा में विलंब हुआ। कांग्रेस विधायक दल के पूर्व नेता सुनील झाखड़ को प्रवक्ता और साथ ही पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया है। वहीं मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से नाराज उनके भतीजे मनप्रीत बादल को भी उपाध्यक्ष बनाया गया है। मनप्रीत कुछ महीने पहले ही अपनी पार्टी पीपीपी का कांग्रेस में विलय कर इस पार्टी में शामिल हुए हैं। अकाली दल छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए पंजाबी गायक हंस राज हंस को भी उपाध्यक्ष बनाया गया है।

नई दिल्ली: केंद्र ने आज (गुरूवार) सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह संवेदनशील सतलुज-यमुना लिंक नहर मामले में 2004 के अपने रूख पर कायम है और चाहता है कि पंजाब और हरियाणा को अपने विवादों का खुद से समाधान करना चाहिए। सॉलीसीटर जनरल रंजीत कुमार ने न्यायमूर्ति ए.आर. दवे की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ से कहा, ‘2004 में तत्कालीन अटॉर्नी जनरल ने केंद्र सरकार की तरफ से कहा था कि वह कोई बयान देना नहीं चाहते और न ही वह कोई हलफनामा दायर करने के इच्छुक हैं। हम संदर्भ पर वही रख कायम रख रहे हैं और चाहते हैं कि राज्यों को खुद से अपने विवाद का समाधान करना चाहिए।’ पीठ में न्यायमूर्ति पीसी घोष, न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह, न्यायमूर्ति एके गोयल, न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय भी हैं। पीठ एसवाईएल विवाद पर राष्ट्रपति द्वारा शीर्ष अदालत से मांगी गई राय पर सुनवाई कर रही है। पीठ ने मुद्दे पर अपना फैसला टाल दिया और पक्षकारों से कहा कि वो सात दिन में लिखित दलील दायर करें। सॉलीसीटर जनरल ने कहा कि अगर पंजाब ने समझौते को समाप्त कर दिया है तो इसका मतलब साफ है कि वह दूसरे राज्यों को पानी नहीं देना चाहता है।

अमृतसर: अदालत ने ब्रिटेन की एक महिला के ईमेल के आधार पर उसके 60 वर्षीय चाचा को सात साल जेल की सजा सुनाई, जिसमें उसने कहा था कि भारत में पढ़ाई के दौरान उसके चाचा ने उसके साथ बलात्कार किया था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरप्रीत कौर ने बुधवार को रानी बाग इलाके में रहने वाले सुखवंत सिंह सिद्धू को सात साल की कैद की सजा सुनाई। घटना के समय जमानत पर रिहा आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। एनआईआर थाना के अधिकारियों ने यहां बताया कि शिकायतकर्ता ने ब्रिटेन से ईमेल के जरिए शिकायत दर्ज करायी थी, जिसमें उसने पुलिस महानिरीक्षक को लिखा था कि कई सालों तक घर में उसके चाचा ने उसके साथ बार-बार बलात्कार किया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि 1980 में जन्मी पीड़िता को उसकी मां ने पढ़ाई के लिए उसके चाचा के पास छोड़ दिया था। जब वह नौ साल की थी तभी से उसके साथ बलात्कार शुरू हो गया और डर के मारे उसने किसी से यह बात नहीं बतायी। अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद ब्रिटेन जाने के तुरंत बाद उसने पंजाब पुलिस को एक ई-मेल किया और बाद में पांच मई 2014 को एनआईआर थाना में बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था और सुखवंत का उसी साल 7 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था।

पठानकोट: पठानकोट आतंकवादी हमले में चार महीने पहले मारे गए चारों आतंकवादियों के शवों को एक गुप्त स्थान पर दफना दिया गया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शवों को पठानकोट सिविल अस्पताल के शवगह में रखा गया था और आज (बुधवार) दोपहर करीब दो बजे उन्हें वहां से पठानकोट पुलिस द्वारा ले जाया गया और शहर के एक अज्ञात कब्रिस्तान में दफना दिया गया। उन्होंने बताया कि पठानकोट मामले के आतंकवादियों को उस स्थान के समीप ही दफनाया गया है, जहां पिछले वर्ष दीनानगर (गुरदासपुर) पुलिस थाने पर हमले में शामिल तीनों आतंकवादियों के शवों को दफनाया गया था। एनआईए और स्थानीय पुलिस द्वारा छह मई को शवों को अस्पताल में ले जाया गया था और उसके बाद से उन्हें दो बड़े फ्रीजर में रखा गया था। पाकिस्तान का संयुक्त जांच दल जब 29 मार्च को भारत की यात्रा पर आया था तो उससे शवों को ले जाने का आग्रह किया गया था लेकिन उसने इंकार कर दिया। इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अपनी जांच को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण डीएनए और अन्य जैविक नमूने ले लिए थे।

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