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नई दिल्‍ली: टाटा बनाम साइरस मिस्त्री विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई होगी। साइरस मिस्त्री की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करने को सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है और अदालत 9 मार्च को सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया है कि इस बार खुली अदालत में सुनवाई होगी। सीजेआई एन वी रमना, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की बेंच ने इस पर 15 फरवरी को विचार किया था। हालांकि जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम ने अल्पमत के फैसले में कहा कि पुनर्विचार याचिका खारिज की जाए। साइरस इंवेस्टमेंट ने याचिका में शीर्ष अदालत के 26 मार्च 2021 के फैसले पर फिर से विचार करने की गुहार लगाई गई है। जिसमें अदालत ने टाटा समूह के पक्ष में फैसला सुनाया था। नियमों के अनुसार, पुनर्विचार याचिका पर विचार चेंबर में होता है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 26 मार्च को अपने फैसले में कहा था कि कानून के सभी सवाल टाटा के पक्ष में हैं। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि शेयरों के विवाद को लेकर दोनों पक्ष कानूनी रास्ता अपना सकते हैं।

नई दिल्ली: शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए एयरलाइन कंपनी इंडिगो के को-फाउंडर और गैर-कार्यकारी निदेशक राकेश गंगवाल सबको चौंका दिया। दरअसल, गंगवाल ने कंपनी बोर्ड से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। यही नहीं, एक रिपोर्ट के मुताबिक अब वे एयरलाइन में अपनी हिस्सेदारी भी कम करेंगे।

गौरतबल है कि गंगवाल ने यह फैसला ऐसे समय में किया है जबकि भारतीय विमानन कंपनियां कठिन चुनौतियों का सामना कर रही हैं। गंगवाल इंडिगो एयरलाइंस की मालिकाना हक वाली कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के को-फाउंडर थे। इस संबंध में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी के दूसरे को-फाउंडर राहुल भाटिया के साथ जारी विवाद के चलते उन्होंने बोर्ड से इस्तीफा दिया है।

इंडिगो बोर्ड को लिखे एक पत्र में, गंगवाल ने कहा कि वह इंटरग्लोब में अपनी हिस्सेदारी धीरे-धीरे अगले पांच से अधिक वर्षों में कम करने का इरादा रखते हैं। विमानन क्षेत्र के दिग्गज गंगवाल के पास इंटरग्लोब में 14.65 फीसदी और उनकी पत्नी शोभा गंगवाल के पास 8.39 फीसदी हिस्सेदारी है।

नई दिल्‍ली: नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज (एनएसई) की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण से बाजार में कथित अनियमितता मामले में केंद्रीय जांच ब्‍यूरो (सीबीआई) ने पूछताछ की है। जांच एजेंसी के सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सूत्र ने बताया कि इस मामले में पहले प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई थी। लेकिन इसके बाद से कुछ नए तथ्‍य सामने आए है, इसी सिलसिले में यह पूछताछ की गई। जांच एजेंसी ने मामले में सुश्री रामकृष्‍ण, पूर्व सीओओ आनंद सुब्रमण्यम और रवि नारायण के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया है।

चित्रा रामकृष्‍ण वर्ष 2013 से 2016 तक नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज की सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्‍टर थीं, बाद में उन्‍होंने निजी कारणों से पद छोड़ दिया था। हिमालय में रहने वाले एक योगी को गोपनीय वित्‍तीय डेटा शेयर करने को लेकर नियमों के कथित उल्‍लंघन मामले में भी उनके खिलाफ जांच की जा रही है। चित्रा रामकृष्ण उस वक्त सुर्खियों में रही थीं, जब बाजार नियामक सेबी ने हाल में एक आदेश जारी किया था। जिसके मुताबिक एनएसई की पूर्व एमडी चित्रा रामकृष्ण ने एक योगी के प्रभाव में आकर आनंद सुब्रमण्यम को नियुक्त किया।

नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लेते हुए गुरुवार को एयर बबल व्यवस्था के तहत भारत-यूक्रेन के बीच उड़ानों और सीटों की संख्या पर प्रतिबंध हटा दिया है। इसके बाद अब कितनी भी उड़ानें और चार्टर उड़ानें संचालित की जा सकती हैं। मंत्रालय की ओर से साझा जानकारी में कहा गया है कि वह विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है।

उड़ानों की संख्या बढ़ाने के निर्देश

मंत्रालय ने संकटग्रस्त यूक्रेन में फंसे छात्रों और पेशेवरों को आसानी से निकालने के लिए भारत और यूक्रेन के बीच उड़ानों और सीटों की संख्या पर प्रतिबंध हटाने का यह निर्णय लिया है। एक बयान में कहा गया है कि भारतीय एयरलाइंस को उड़ानों की संख्या बढ़ाने के लिए कहा गया है, क्योंकि रूस के यूक्रेन की ओर बढ़ने के साथ मांग में वृद्धि हुई है। भारत ने यूक्रेन में अपने नागरिकों को देश छोड़ने के लिए कहा है, लेकिन 20 फरवरी से पहले कोई उड़ान उपलब्ध नहीं है। गौरतलब है कि भारत और यूक्रेन के बीच एक एयर बबल समझौता है, जिसके तहत दोनों देश प्रति सप्ताह एक निश्चित संख्या में उड़ानें संचालित कर सकते हैं।

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