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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: राज्यसभा ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े चार विधेयकों को गुरुवार को ध्वनिमत से पारित कर लोकसभा को लौटा दिया जिससे देश में अप्रत्यक्ष कर में आजादी के बाद के सबसे बड़े सुधार को एक जुलाई 2017 से लागू करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। जीएसटी से जुडे चार विधेयकों केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी), एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी), राज्यों को क्षतिपूर्ति विधेयक (राज्य क्षतिपूर्ति) और संघ शासित प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर (यूटीजीएसटी) को विपक्ष विशेषकर तृणमूल कांग्रेस और वामदलों के संशोधनों को मत विभाजन के जरिये अस्वीकार करते हुये सदन ने पारित कर दिया। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इन संशोधनों का समर्थन नहीं किया। कांग्रेस के जयराम रमेश और विवेक तन्खा ने भी कई संशोधन पेश किये थे लेकिन रमेश ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सलाह पर वह कोई संशोधन पेश नहीं कर रहे हैं। हालांकि तन्खा ने अपने संशोधनों को रखा लेकिन फिर उन्हें वापस ले लिया। लोकसभा इन धन विधेयकों को पहले की पारित कर चुकी है और इस तरह इन विधेयकों पर संसद की मुहर लग गयी है। वस्तु एवं सेवा कर संबंधी विधेयकों पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष की इन आशंकाओं को निर्मूल बताया कि इन विधेयकों के जरिये कराधान के मामले में संसद के अधिकारों के साथ समझौता किया जा रहा है।

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को 2017-18 के लिए क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान कर दिया है। इस पॉलिसी में आरबीआई ने रेपो रेट को 6.25 फीसदी के स्तर पर बरकरार रखा है। हालांकि रिवर्स रेपो रेट को बढ़ाकर 6 फीसदी कर दिया गया है। आपको बता दें कि अर्थशास्त्री पहले से ही रेपो रेट में कमी नहीं होने का अनुमान लगा रहे थे। आरबीआई ने कहा कि सरकार अतिरिक्त लिक्विडिटी को सिस्टम से निकालने के लिए स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी की संभावना पर विचार कर रही है। आरबीआई की एक परेशानी महंगाई दर में बढ़ोत्तरी होना है। थोक महंगाई दर 39 महीने के उच्चतम स्तर पर है। यह फरवरी में 6.55 फीसदी पर थी, जबकि खुदरा भी 3.65फीसदी पर पहुंच गई है। गर्मियों में यह और भी बढ़ सकती है। आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल का कहना है कि महंगाई के मद्देनजर एमपीसी ने पॉलिसी को लेकर न्यूट्रल नजरिया रखने का फैसला किया है। रिजर्व बैंक ने अप्रैल से सितंबर के लिए 4.5 फीसदी महंगाई रहने का अनुमान लगाया है। आरबीआई का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2018 जीवीए ग्रोथ 6.7 फीसदी के मुकाबले 7.4 फीसदी रहेगा। एमपीसी का पूरा ब्योरा 20 अप्रैल को जारी होगा। आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने पॉलिसी जारी करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के कई संकेत दिख रहे हैं।

नई दिल्ली: 8 नवंबर को पीएम मोदी द्वारा नोटबंदी के ऐलान के बाद 500 रुपये के नए नोट जारी किए गए और 2000 रुपये का नोट पेश किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) 200 रुपये के नोट जारी करने की तैयारी में है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक इस साल जून के बाद इन नोटों को जारी कर सकता है। कहा जा रहा है कि पिछले महीने हुई एक मीटिंग में ही आरबीआई ने 200 के नोटों को लागू करने का फैसला ले लिया था। यदि 200 रुपये के नोट जारी किए जाते हैं तो हाल के दिनों में 2,000 रुपये के नोटों के बाद जारी की जाने वाली यह दूसरी नई करेंसी होगी। पिछले ही दिनों कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में आरबीआई की ओर से एक बार फिर से नए फीचर्स के साथ 1,000 रुपये के नोटों को जारी किए जाने की बात कही गई थी. हालांकि उस वक्त आरबीआई ने इन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया था।

नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू हो जाने के बाद पांच करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी गैर—जमानती अपराध बन जाएगी और पुलिस आरोपी को बगैर वारंट के गिरफ्तार कर सकेगी। केंद्रीय जीएसटी कानून के मुताबिक, यदि कर योग्य वस्तु या कर योग्य सेवाएं, जिनमें कर चोरी की रकम पांच करोड़ रुपये को पार कर जाती है, तो यह संज्ञेय और गैर—जमानती अपराध होगा। जीएसटी पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल के जवाब में केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा—शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने कहा कि इस कानून के तहत अपराध गैर—जमानती और संज्ञेय है। सरकार ने जीएसटी लागू करने के लिए एक जुलाई का लक्ष्य तय किया है। जीएसटी लागू होने से केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर, मूल्य वर्धित कर और अन्य स्थानीय चुंगियां एक ही कर में समावेशित हो जाएंगी। एफएक्यू के मुताबिक, संज्ञेय अपराध गंभीर श्रेणी के ऐसे अपराधों में शामिल हैं, जिसमें किसी पुलिस अधिकारी को आरोपी को बगैर वारंट के गिरफ्तार करने की शक्ति होती है। ऐसे मामलों में पुलिस किसी अदालत की अनुमति के साथ या अनुमति के बगैर जांच शुरू कर सकती है। सीबीईसी ने 223 पन्नों में एफएक्यू के जवाब दिए हैं । जीएसटी के कार्यान्यवयन के बाद भी शिक्षा, हेल्थकयर व तीथार्टन पर सेवा कर नहीं लगेगा क्योंकि केंद्र सरकार इस नयी कर प्रणाली के पहले साल ही किस तरह का झटका नहीं देना चाहती। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने बताया कि केंद्र सरकार जीएसटी के कार्यान्यवयन के पहले साल नयी सेवाओं को जीएसटी के दायरे में लाने खिलाफ है इसलिए शिक्षा, हेल्थकेयर तथा तीथार्टन सेवाकर दायरे से बाहर ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र ने जीएसटी परिषद की बैठक में उन सेवाओं को नहीं छूने को जोरदार ढंग से रखा है जो फिलहाल कर दायरे में नहीं आतीं।

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