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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: टाटा समूह सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया में हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है। सूत्रों ने ऐसा दावा किया है। कर्ज से लदी इस कंपनी के पुनरुद्धार के लिए सरकार कई विकल्पों पर विचार कर रही है, जिसमें इसका पूर्ण या आंशिक निजीकरण करना शामिल है। संपर्क करने पर टाटा समूह के प्रवक्ता ने कहा, हम अटकलों पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं देते हैं। एयर इंडिया लंबे समय से कर दाताओं के धन पर चल रही है और घाटे में है। नीति आयोग ने सरकार को इसके पूर्ण निजीकरण की सिफारिश की है। साथ ही कई और अन्य प्रस्तावों पर भी सरकार के विचाराधीन है। सूत्रों ने बताया कि टाटा समूह एयर इंडिया में हिस्सेदारी लेने के विकल्प का आकलन कर रहा है। इस संबंध में समूह में आंतरिक बैठकों का दौर और सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत जारी है। इस संबंध में सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है लेकिन सूत्र ने बताया कि नागर विमानन मंत्रालय एयर इंडिया का राष्ट्रीय विमानन कंपनी का दर्जा बनाए रखने की इच्छुक है। टाटा यदि इस कंपनी में हिस्सेदारी खरीदती है तो उसके लिए यह घर वापसी की तरह होगा। एयर इंडिया का इतिहास टाटा एयरलाइंस से जुड़ा है, जिसे 1932 में बनाया गया था। टाटा द्वारा स्थापित इस कंपनी को बाद में एयर इंडिया के रूप में एक सार्वजनिक कंपनी बना दिया गया था, जिसका बाद में राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। टाटा इससे पहले भी एयर इंडिया में हिस्सेदारी लेने की कोशिश कर चुकी है। सूत्र ने बताया कि एयर इंडिया के निजीकरण के लिए सरकार के 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खुद रखने की संभावना है और 49 प्रतिशत वह निजी निवेशकों के बेच सकती है, जिसमें विदेशी कंपनियां भी हिस्सा ले सकती हैं।

नई दिल्ली: ये बात जानकर शायद आपको यकीन ना हो लेकिन बेंगलुरु देश का ऐसा पहला शहर बन गया है जहां दूध और अखबार तरह घर पर डीजल की डिलीवरी दी जा रही है। कुछ ही हफ्ते पहले पेट्रोलियम मंत्रालय ने ये घोषणा की थी कि केंद्र सरकार देश में इस तरह का सिस्टम शुरू करने पर विचार कर रही है। महज एक साल पुराने स्टार्ट्अप ने 15 जून को 950-950 लीटर की कपैसिटी वाले तीन डिलीवरी वीइकल्स से घर तक डीजल सप्लाइ का शुभारंभ किया। कंपनी अब तक 5,000 लीटर डीजल डिलीवर कर चुकी है। डीजल की डिलीवरी उस दिन की कीमत में फिक्स डिलीवरी चार्ज जोड़कर की जाती है। 100 लीटर तक की डिलीवरी पर वन टाइम चार्ज 99 रुपये है जबकि 100 लीटर से ऊपर की डिलीवरी पर डीजल प्राइस के साथ-साथ प्रति लीटर एक रुपया चार्ज किया जा रहा है। स्टार्टअप को 20 बड़े ग्राहक मिल चुके हैं जिनमें 16 स्कूल (जिनकी 250 से 300 बसें चलती हैं) और कुछ अपार्टमेंट्स शामिल हैं। डीजल मंगवाने के लिए ऑनलाइन ऑर्डर दिया जा सकता है। लोग फोन कॉल या फ्री ऐप डॉउनलोड कर भी ऑर्डर दे सकते हैं। माइपेट्रोलपंप के फाउंडर आईआईटी धनबाद से पढ़े 32 वर्षीय आशीष कुमार गुप्ता ने कहा, 'हम सितंबर 2016 से ही पेट्रोलियम मिनिस्ट्री के संपर्क में हैं। अधिकारियों को आश्वस्त करने के बाद पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ हमारी दो मीटिंग्स हुईं, जिन्होंने हमारे इनोवेशन की सराहना की।' गुप्ता अपनी कंपनी खड़ा करने के लिए शेल ग्लोबल सॉल्युशन की नौकरी छोड़ दी।

नई दिल्ली: एक जुलाई से लागू होने के बाद ट्रेनों के एसी श्रेणी के किराये और खानपान सेवा मंहगी हो जाएगी। इसके अलावा जीएसटी के चलते मालभाड़े में बढ़ोत्तरी होगी। रेलवे ने खरीद, उत्पादन आदि पर जीएसटी के पड़ने वाले प्रभाव को लेकर विशेषज्ञ तैनात कर दिए हैं। रेल प्रवक्ता का कहना है कि जीएसटी लागू करने के लिए विभाग पूरी तरह से तैयार है। रेल मंत्रलाय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में एसी 1,2, 3 व एसी चेयरकार सहित खानपान सेवा पर 4.2 फीसदी सर्विस टैक्स लगता है। केंद्र सरकार पहली जुलाई से जीएसटी लागू करने जा रही है। जीएसटी के तहत रेलवे के एसी श्रेणी व खानपान सेवा पर 5 फीसदी जीएसटी लगेगा। अधिकारी ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद रेल किराये व खानपान सेवा मंहगी हो जाएगी। इसके अलावा जीएसटी के चलते मालभाड़े की दरें भी बढ़ जाएंगी। अधिकारी ने कहा कि जीएसटी के तहत वसूला गया सेवा कर रेलवे वित्त मंत्रालय को देगी। यह पैसा रेलवे के पास नहीं आएगी। रेल अधिकारी ने बताया कि रेल सूचना केंद्र (क्रिस) को रेलवे कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर में जरुरी बदलाव करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बैंकों और डाकघरों को चलन से बाहर किए गए 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को 20 जुलाई तक भारतीय रिजर्व बैंक में जमा कराने की अनुमति दे दी है। बंद किए जा चुके पुराने नोटों को आरबीआई में जमा करने को दूसरा मौका सरकार ने बैंकों, डाकघरों और सहकारी बैंकों को दिया है। इससे पहले यह अवसर 31 दिसंबर तक के लिए दिया गया था। यह नोटबंदी के बाद 50 दिन की अवधि समाप्त होने के एक दिन बाद तक का समय था। एक अधिसूचना में सरकार ने कहा है कि बंद किए जा चुके नोटों को बैंक, डाकघर और जिला केंद्रीय सहकारी बैंक आरबीआई के किसी भी कार्यालय में इस नियम के अधिसूचित होने के बाद 30 दिन की अवधि के भीतर जमा करा दें। गौरतलब है कि सरकार ने कालाधन पर अंकुश लगाने और फर्जी नोटों पर पाबंदी लगाने के मकसद से आठ नवंबर 2016 को 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर पाबंदी लगाने की घोषणा की थी

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