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नई दिल्ली: गुड्स एवं सर्विस टैक्स (जीएसटी) का असर अब जल्द ही हवाई सफर पर पड़ने वाला है। देश की विभिन्न एयरलाइंस ने सरकार से आग्रह किया है कि उन्हें जीएसटी से राहत दी जाए नहीं तो वे किराया बढ़ाने के लिए मजबूर हो जाएंगी। एयरलाइंस अधिकारी के मुताबिक जीएसटी से उनकी लागत पहले से बढ़ गई है और इसी कारण उन्हें किराया बढ़ाने का कदम उठाना पड़ सकता है।

दरअसल विमान के इंजन और पाट्र्स के दोबारा एक्सपोर्ट पर टैक्स लगाया गया है. इससे इंडस्ट्री पर सालाना करीब 2,000 करोड़ रुपये का बोझ पडऩा शुरू हुआ है. भारत में इंजन की रिपेयर की सुविधा नहीं है और इंजन को रिपेयर के लिए विदेश भेजना पड़ता है।

एक एयरलाइन से टॉप आफिशियल का कहना है कि जीएसटी के कारण एयरलाइंस पर 4,750 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा और इससे हमारी ऑपरेशनल कॉस्ट बढ़ जाएगी। इससे एयरलाइन इंडस्ट्री को घाटा होने की आशंका है। नए टैक्स से एयरलाइंस का प्रॉफिट समाप्त हो सकता है।

नई दिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने बचत खातों (सेविंग बैंक अकाउंट) में मिनिमम बैलेंस की सीमा को 5,000 रुपये से घटाकर 3,000 रुपये कर दिया है। देश के सबसे बड़े बैंक ने इसके साथ ही इस सीमा का पालन नहीं करने पर जुर्माना भी घटा दिया है। बैंक ने बयान में कहा कि संशोधित सीमा अनिवार्यता और शुल्क अक्टूबर से लागू होंगे।

इन लोगों को मिलेगी मिनिमम बैलेंस से छूट

सार्वजनिक क्षेत्र के इस सबसे बड़े बैंक ने पेंशनभोगियों, सरकार की सामाजिक योजनाओं के लाभार्थियों तथा नाबालिग खाताधारकों को बचत खाते में मिनिमम बैलेंस की सीमा से छूट दी है। इस साल अप्रैल में एसबीआई ने पांच साल बाद नए सिरे से न्यूनतम मासिक शेष और शुल्कों को फिर से लागू किया था।

महानगरों के लिए मिनिमम बैलेंस सीमा 5,000 रुपये रखी गई थी, वहीं शहरी शाखाओं के लिए यह सीमा 3,000 और अर्धशहरी शाखाओं के लिए 2,000 रुपये व ग्रामीण शाखाओं के लिए 1,000 रुपये रखी गई थी।

नई दिल्ली: जीएसटी को देशभर में लागू हुए तीन महीने होने को है। वहीं अब 30 सितंबर के बाद से दुकानदार पुराने रेट वाले स्टॉक को नहीं बेच सकते हैं, अगर उनके पास पुराने रेट वाला स्टॉक पाया जाता है तो वह जब्त हो सकता है।

एक जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद से दुकानदारों को सरकार की तरफ से पुराने अधिकतम खुदरा भाव (एमआरपी) के साथ स्टिकर लगाकर नए रेट पर सामान को बेचने की जो छूट मिली हुई है वह 30 सितंबर को खत्म होने जा रही है।

जिसके आगे बढ़ने की उम्मीद कम है। जुलाई में केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा था कि जीएसटी के बाद कई वस्तुओं के भाव में आई कमी का फायदा जो दुकानदार उपभोक्ताओं को नहीं पहुंचाएंगे।

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने सोमवार को स्वीकार किया कि अर्थव्यवस्था में कुछ समस्याएं हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार इन समस्याओं को युद्ध स्तर पर सुधारने में लगी हुई हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने भारत के आर्थिक विकास की दर कम होने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे 'बड़े सुधारों' को कारण बताया और कहा कि यह संकट अस्थायी है।

गडकरी ने नई दिल्ली में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संवाददाताओं से कहा, 'जब सुधार होते हैं, तो शुरुआत में कुछ समस्याएं आती हैं। सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है। हम इस दिशा में कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जहां भी जरूरत है, वहां समस्याओं को सुलझाने का प्रयास कर रही है।

गडकरी ने कहा, 'यह स्थिति थोड़े समय के लिए है। इसमें काफी सुधार होगा। हम सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं।' गडकरी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली को एक अद्वितीय कदम बताते हुए इसे तेज गति से लागू किए जाने को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों की प्रंशसा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों और केंद्र के बीच कुछ मुद्दे हैं, जिन पर काम किया जा रहा है।

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