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ढाका: भारत अपने पड़ोसी देशों के रिश्ते लगातार सुदृढ़ कर रहा है। श्रीलंका, नेपाल के बाद भारत ने बांग्लादेश को बड़ी मदद की पहल की है। ये प्रयास भारत के आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी नीतियों का भी हिस्सा हैं। बांग्लादेश ने आज भारत के साथ 4.5 अरब डॉलर के तीसरे ऋण सुविधा (एलओसी) करार पर दस्तखत किए।

बांग्लादेश इस कर्ज का इस्तेमाल अपने बुनियादी ढांचे और सामाजिक क्षेत्र के विकास पर करेगा। इस करार पर वित्त मंत्री अरुण जेटली और उनके बांग्लादेशी समकक्ष एएमए मुहित की मौजूदगी में दस्तखत किए गए। इससे पहले दोनों नेताओं के बीच व्यापक विचार-विमर्श हुआ।

बांग्लादेश की ओर से इस करार पर आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव काजी शोफिकुल आजम तथा भारत की ओर से एक्जिम बैंक के प्रबंध निदेशक डेविड रासक्विहा ने दस्तखत किए। भारत की ओर से इस भारी भरकम 4.5 अरब डॉलर की ऋण सुविधा का इस्तेमाल बांग्लादेश में 17 बड़ी परियोजनाओं के वित्तपोषण में किया जाएगा।

नई दिल्ली: निजी बस- ट्रक मालिकों के संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) का सरलीकरण, डीजल के दामों में समानता और भ्रष्टाचार खत्म करने की मांग को लेकर अगले सप्ताह 9 और 10 अक्टूबर को देशव्यापी चक्काजाम का ऐलान किया है।

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष एस के मित्तल और प्रमुख कुलभूषण सिंह अटवाल तथा ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ट्रांसपोर्ट संगठन तीन महीने से सरकार के विभिन्न विभागों के संपर्क में हैं और अपने समस्याओं के समाधान की मांग रख रहे हैं लेकिन सरकार के पास मौजूदा जीएसटी प्रणाली में इनका कोई हल नहीं है।

मित्तल ने कहा कि नौकरशाही के रवैये से थक कर ट्रांसपोर्ट संगठनों ने अगले सप्ताह सोमवार और मंगलवार को देशभर में चक्का जाम करने का फैसला किया है। इस दिन सभी वाणिज्यिक वाहन नहीं चलेंगे और ट्रांसपोर्ट केंद्रों पर कोई कामकाज नहीं होगा।

नई दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा देश में नोटबंदी को लागू किए हुए 11 महीने का वक्त बीत चुका है। इस बीच अब जानकारी निकलकर सामने आई है कि नोटबंदी के दौरान दिन-रात एक कर देने वाले बैंककर्मियों को अभी भी उनके ओवरटाइम का पैसा नहीं मिला है। इससे गुस्साए बैंककर्मियों ने हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। कर्चचारियों ने यहां तक कहा है कि अगर उनकी बात नहीं सुनी जाती हैं तो वे कोर्ट का रुख भी करेंगे।

याद दिला दें कि पिछले साल 8 नवंबर को केंद्र की मोदी सरकार ने 500 और 1000 के पुराने नोट चलन से बंद कर दिए थे। देश की करंसी में इन नोटों की भागीदारी 86 फीसदी थी। जैसे ही नोटबंदी का फैसला लिया गया, पुराने नोटों को जमा कराने या बदलने के लिए बैंकों में लोगों की भीड़ लग गई थी। इन हालातों में बैंक कर्मचारियों को स्थिति काबू में लाने के लिए अपने तय समय से ज्यादा काम करना पड़ा।

इस दौरान उनकी छुट्टियां भी रद्द कर दी गईं थीं। ये स्थिति करीब तीन महीने तक रही थी। इस दौरान ओवरटाइम लगाकर काम करने वाले कर्मचारियों को अभी तक इसका पैसा नहीं मिला है।

नई दिल्ली: महंगाई के मोर्चे पर पेट्रोल और डीजल के बाद अब आम जनता के लिए चुनावी साल में एक और राहत की खबर आई है। मोदी सरकार ने त्यौहारो के सीजन में लोगों को सस्ती दाल देने का फैसला किया है। सरकारी बफर स्टॉक में दालों की प्रचुरता को देखते हुए सरकार की तरफ से यह फैसला किया गया है। स्कीम के मुताबिक सरकार तीन तरीके से दालों को बाजार में बेचेगी।

सरकार के पास फिलहाल 18 लाख टन का बफर स्टॉक है। इनमें से 4 लाख टन दाल ओपेन मार्केट सेल्स स्कीम (ओएमएसएस) यानि खुले बाज़ार में बेचेगी। इसमें से 60000 टन दाल खुले बाजार में जारी किया जा चुका है। दूसरे राज्यों से आए आवेदन के आधार पर उन राज्यों को दाल दिया जाएगा जो सरकारी राशन की दुकानों के जरिए बेचा जाएगा।

अभी तक तमिलनाडू , कर्नाटक , आंध्र प्रदेश , तेलंगाना, केरल और गुजरात ने केंद्र सरकार से इस योजना के तहत आवेदन दिया है। इन राज्यों के लिए सरकार ने 3.5 लाख टन दाल आवंटित करने का फ़ैसला किया है।

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