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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

लाहौर: तीन महीने से लाहौर में अपने घर में नजरबंद मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद पर पाकिस्तान अभी भी नरम नहीं हुआ है। रविवार रात सईद की तीन महीने हाउस अरेस्ट की अवधि खत्म हो रही थी, जिसके बाद इसे अब और बढ़ा दिया गया है। पंजाब सरकार के आंतरिक मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक पंजाब सरकार ने एंटी टेररिज्म एक्ट के तहत रविवार को सईद समेत उसके अन्य चार सहयोगियों की हिरासत को बढ़ा दिया है। जल्द ही इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हाफिज सईद, प्रोफेसर मलिक जफर इकबाल, अब्दुर रहमान आबिद, काजी हाफिज हुसैन और अब्दुला उबैद को 90 दिन और नजरबंद रखा जाएगा। अधिकारी ने कहा कि आन्तरिक मंत्री चौधरी निसार की अध्यक्षता में हुई हाफिज सईद की हिरासत को लेकर सलाहकार बैठक में ये फैसल लिया गया। पंजाब सरकार ने 30 जनवरी को शांति और सुरक्षा के मद्देनजर हाफिज सईद समेत और उसके चार अन्य सहयोगियों को लाहौर में सईद के घर में नजरबंद किया था। आज रात नजरबंदी के 90 दिन पूरे रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नवाज शरीफ सरकार ने ये कार्रवाई ट्रंप प्रशासन के कहने के बाद की थी जिसमें कहा गया था कि अगर हाफिज सईद और और उसके संगठन जमात-उद-दावा के खिलाफ अगर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो पाकिस्तान को प्रतिबंध झेलना होगा।

संयुक्त राष्ट्र: उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम पर बढ़ते तनाव के बीच चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अपने अमेरिकी समकक्ष रेक्स टिलरसन के साथ वार्ता की। इस दौरान कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण की ‘चुनौतियों’ से निपटने के लिये सहयोग पर भी चर्चा की गयी। सुरक्षा परिषद मंत्रिस्तरीय बैठक के इतर हुई इस बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने बातचीत के जरिये कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव घटाने पर भी सहमति जताई। यह बैठक उत्तर कोरिया द्वारा एक अन्य बैलिस्टिक मिसाइल के प्रक्षेपण के कुछ घंटों बाद हुई। यह मिसाइल हालांकि उत्तर कोरिया के क्षेत्र से आगे जाने में ‘विफल रही। चीनी सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने वांग-टिलरसन मुलाकात पर दी गयी एक रिपोर्ट में कहा, ‘सभी पक्षों ने परमाणु निरस्त्रीकरण के लक्ष्य पर बल दिया और सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों का सख्ती से पालन कराने का वादा किया। इसके साथ ही शांतिपूर्ण बातचीत और वार्ता के जरिये इस मुद्दे के समाधान का भी संकल्प जताया गया जिससे जितनी जल्दी संभव हो तनाव को कम किया जा सके।’

 

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के उप राजदूत का कहना है कि अमेरिका की सैन्य कार्रवाई और पाबंदियों की धमकी देकर उसके परमाणु हथियार कार्यक्रम को त्यागने पर मजबूर करने की कोशिश दूर की कौड़ी साबित होगी। किम इन रयॉन्ग ने कल एसोसिएटिड प्रेस से कहा कि उत्तर कोरिया का परमाणु हथियार कार्यक्रम कभी भी राजनीतिक मोलभाव और आर्थिक सौदों का हिस्सा नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया :डीपीआरके: पहले ही यह ऐलान कर चुका है कि वह ऐसी किसी भी वार्ता में शामिल नहीं होगा जिसमें उसके परमाणु परित्याग और परमाणु विघटन पर चर्चा होगी। डेमोकेट्रिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया उत्तर कोरिया का आधिकारिक नाम है। किम ने दोहराया कि उनके देश की लंबे समय से दलील रही है कि उनका परमाणु कार्यक्रम उत्तर कोरिया औेर अमेरिका की शत्रुतापूर्ण नीति का नतीजा है। उन्होंने कहा कि इसलिए कोई भी हल तभी संभव होगा जब अमेरिका शत्रुतापूर्ण नीति को पहले वापस ले। किम ने साफ तौर पर उत्तर कोरिया के परमाणु मुद्दे पर कल की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक को परिषद् के अधिकार का दुरूपयोग कह कर खारिज कर दिया जो अमेरिका के निर्देश पर काम कर रहा है जिसके पास वीटो की शक्ति है।

सोल: लगातार मिसाइल परीक्षण करके कड़े अमेरिकी प्रतिबंध के खतरों का सामना कर रहे उत्तर कोरिया ने आज फिर मिसाइल परीक्षण किया। हालांकि माना जा रहा है कि यह परीक्षण नाकाम रहा है। दक्षिण कोरिया की संवाद समिति योन्हाप ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उत्तर कोरिया ने दक्षिण प्योंगयाग प्रांत के बुकचांग क्षेत्र से एक आज तड़के अज्ञात मिसाइल का परीक्षण किया। हालांकि माना जा रहा है कि यह परीक्षण नाकाम रहा है। अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने भी मिसाइल परीक्षण की पुष्टि की है। यह परीक्षण कोरियाई प्रायद्वीप में भारी तनाव और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड की ‘भीषण संघर्ष’ की चेतावनी के बीच हुआ है। साथ ही यह परीक्षण अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन के पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करने के कुछ ही घंटों के बाद हुआ है जिसमें उन्होंने प्योंगयान पर दबाव बनाने के लिए चीन की अहम भूमिका के साथ वैश्विक अभियान की मांग की थी। टिलरसन ने वाशिंगटन की चेतावनी दोहराई कि अमेरिकी सेना के सामने कई विकल्प हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चीन का अपने साम्यववादी सहयोगी और पड़ोसी पर खासा प्रभाव है। दूसरी ओर, चीन ने इस तथ्य को खारिज करते हुए कहा कि एक ही देश से संघर्ष का समधान निकालने की अपेक्षा करना अव्यवहारिक है।

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