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लंदन: ब्रिटेन में भारतीय मूल की 12 वर्षीय लड़की को दिमागी तौर पर अलबर्ट आइंस्टीन और स्टीफन हॉकिंग से भी तेज बताया गया है। इस लड़की को एक प्रमुख सोसायटी के सदस्य के तौर पर आमंत्रित भी किया गया है। राजगौरी पवार पिछले महीने मैनचेस्टर में ‘ब्रिटिशर मेन्सा आईक्यू टेस्ट’ में शामिल हुई थी और इसमें उसने 162 अंकों का स्कोर हासिल किया जो 18 साल से क्रम उम्र के लिए सर्वाधिक है। अब राजगौरी को प्रतिष्ठित सोसायटी ‘मेन्सा आईक्यू’ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। बुद्धिमत्ता के आकलन की इस परीक्षा में शामिल राजगौरी ने 162 अंक हासिल किए जो आइंस्टीन और हॉकिंग के आईक्यू के मुकाबले दो अंक अधिक है। मेन्सा ने कहा कि भारतीय मूल यह लड़की विलक्षण बुद्धिमत्ता की है क्योंकि विश्व भर में 20,000 लोग ही इतना अधिक स्कोर पाने में सफल रहे । राजगौरी के पिता सूरज कुमार पवार ने कहा, ‘‘यह उसके शिक्षकों के प्रयासों के बिना संभव नहीं होता।
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वाशिंगटन: अमेरिका में भारतीय मूल के एक दंपति की उनकी बेटी के पूर्व प्रेमी ने हत्या कर दी, जिसकी बाद पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में वह भी मारा गया। सीबीएस सान फ्रांसिस्को की रिपोर्ट के अनुसार मिर्जा टैटलिक (24) ने नरेन प्रभु और उनकी पत्नी की सॉन जोज स्थित उनके घर पर गोली मारकर हत्या कर दी। प्रभु की बेटी घटना के समय घर पर मौजूद नहीं थी, वह दूसरे शहर में रहती है । सान जोस पुलिस प्रमुख एडी गार्शिया ने कहा, ‘‘उनकी :पीड़ितों की: बेटी आरोपी के साथ प्रेम संबंध में थी, जो घटना के समय घर पर मौजूद नहीं थी।’’ गार्शिया ने कहा, ‘‘दोनों के बीच संबंध पिछले साल खत्म हो गया था। आरोपी के खिलाफ पहले भी घरेलू हिंसा का मामला दर्ज किया जा चुका हैं।’’ प्रभु के 20 वर्षीय बेटे ने घटना की जानकारी दी थी। पुलिस ने कहा, ‘‘जब अधिकारी लौरो वैले लेन स्थित उनके घर पहुंचे तो उन्होंने नरेन के शव को दरवाजे पर पाया, शव पर एक गोली का घाव था। उनके बेटे ने अधिकारियों को बताया कि उनकी मां और उसका 13 वर्षीय भाई अब भी संदिग्ध के साथ घर के अंदर है।’’ गार्शिया ने बताया कि संदिग्ध प्रभु के छोटे भाई का पहले ही रिहा कर दिया था।
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पेरिस: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के व्हाइट हाउस का कार्यभार संभालने के बाद संयुक्त राष्ट्र के वार्ताकार जलवायु परिवर्तन से संबद्ध पेरिस समझौते को आगे बढ़ाने के नियमों का मसौदा तैयार करने के लिये अगले सप्ताह पहली बार एकजुट होंगे। गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रम्प ने इस समझौते से दूरी बरतने की धमकी दी है। माना जाता है कि जर्मनी के बॉन में होने वाली अर्धवाषिर्क वार्ता में समझौते के हस्ताक्षरकर्ताओं के लिये एक अहम नियमावली बनाने का काम शुरू किया जायेगा। लेकिन दुनिया के नंबर दो कार्बन उत्सर्जक देश को लेकर बढ़ती अनिश्चितता के चलते इसमें गतिरोध उत्पन्न होने का खतरा है, जिसमें ट्रम्प शीर्ष पर हैं। मालदीव के पर्यावरण एवं उर्जा मंत्री थोरिक इब्राहिम ने कहा, ‘‘समझा जाता है कि पेरिस समझौते के तहत कुछ विस्तृत जानकारियों को संज्ञान में लाने के लिये यह बेहद तकनीकी एवं असाधारण बैठक होने वाली है। लेकिन, वाशिंगटन से आ रही अटकलें जाहिर तौर पर हमारे जेहन में सबसे उपर हैं।’’ इब्राहिम ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन मंच में एक अहम वार्ताकार खंड अलायंस ऑफ स्मॉल आईलैंड स्टेट्स (एओएसआईएस) की अध्यक्षता की है।
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वाशिंगटन: अमेरिका के श्रम विभाग ने कहा है कि अमेरिकी कर्मियों की नौकरी लेकर उनके स्थान पर भारत जैसे अन्य देशों के कर्मियों को नौकरी देने के लिए एच1बी वीजा का इस्तेमाल करने वाली फर्मों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए चार स्तरीय वेतन संरचना में विधायी बदलाव करने की आवश्यकता है। श्रम विभाग ने दो शीर्ष सीनेटरों चक ग्रासले और डिक डर्बिन को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘कोई विधायी बदलाव नहीं होने की स्थिति में (श्रम) विभाग के पास एच1बी लेबर कंडीशन एप्लीकेशन्स में कर्मियों द्वारा इस समय इस्तेमाल किए जाने जा रहे चार स्तरीय मौजूदा वेतन संरचना का लाभ उठाने की नियोक्ता की क्षमता को प्रभावित करने का अधिकार नहीं है। अमेरिका के कार्यवाहक श्रम मंत्री एड्वर्ड सी हगलर ने 27 अप्रैल को लिखे एक पत्र में कहा कि उन्होंने कई अन्य विधायी बदलावों को चिह्नित किया है ताकि विभाग एच1बी वीजा पर निर्भर उन कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सके जिन पर सांसदों ने अमेरिकी कर्मियों की जगह अन्य देशों के कर्मियों को नौकरी देने का आरोप लगाया है। सीनेटरों ग्रासले और डर्बिन ने मीडिया में एक पत्र की प्रति जारी करते हुए एक संयुक्त बयान में कहा कि कांग्रेस को श्रम विभाग को एच1बी वीजा दुरपयोग की जांच का अधिकार देने की आवश्यकता है। यह अधिकार अभी उसके पास नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘श्रम विभाग की प्रतिक्रिया एच1बी वीजा दुरपोग को समाप्त करने की तत्काल आवश्यकता को और रेखांकित करती है।
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