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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

बीजिंग: चीन ने सोमवार (15 मई) को बेल्ट एंड रोड पहल को लेकर भारत की चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि इस बड़ी परियोजना को अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला है और इसके तहत बनने जा रही चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) परियोजना कश्मीर पर बीजिंग के रुख को प्रभावित नहीं करेगी। सीपीईसी पर भारत की आपत्तियों पर प्रतिक्रिया जताते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस परियोजना में 100 से अधिक देश और संगठन शामिल हैं। विदेश मंत्रालय ने एक लिखित जवाब में कहा, ‘बेल्ट एंड रोड पहल की प्रस्तावना 2013 में की गयी थी और चार साल बाद दुनिया के 100 से अधिक देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इस पहल का समर्थन किया है और इसमें शामिल हुए हैं।’ भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले की टिप्पणी पर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया आई है। बागले ने दो दिन पहले कहा था कि भारत ऐसी परियोजना को स्वीकार नहीं कर सकता जो उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करती हो। भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से गुजरने वाले 50 अरब डॉलर के सीपीईसी को लेकर अपनी संप्रभुता संबंधी चिंताओं के चलते बेल्ट एंड रोड फोरम (बीआरएफ) में भाग नहीं लिया। हालांकि सोमवार (15 मई) को समाप्त हुए इस फोरम का भारत द्वारा बहिष्कार करने पर चीन के विदेश मंत्रालय ने कुछ नहीं कहा।

बीजिंग: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार (15 मई) को कहा कि बड़े पैमाने पर हुए साइबर हमले से रूस का कुछ भी लेना देना नहीं है। पुतिन ने मूल सॉफ्टवेयर बनाने के लिए अमेरिकी गुप्तचर समुदाय की आलोचना की. डेढ़ सौ से अधिक देशों में हजारों कम्प्यूटर रैनसमवेयर हमले से प्रभावित हुए हैं। इस हमले को अपने तरह का सबसे बड़ा हमला बताया गया है। पुतिन ने कहा, ‘जहां तक इन खतरों के स्रोत का सवाल है, माइक्रोसॉफ्ट नेतृत्व ने यह सीधे तौर पर कहा है कि वायरस का स्रोत अमेरिका की विशेष सेवाएं है।’ पुतिन सप्ताहांत में माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष ब्रैड स्मिथ की ओर से किये गए उस ब्लॉग पोस्ट का उल्लेख कर रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने वह कोड विकसित किया था जिसका इस्तेमाल हमले में किया जा रहा है। अमेरिका ने पूर्व में रूस पर कई साइबर हमले करने का आरोप लगाया है। दुनियाभर में पिछले सप्ताह साइबर हैकरों द्वारा किए गए रैनसमवेयर हमले की शिकार जापान की 600 कंपनियां भी हुई हैं, जिनमें इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज हिताची और अग्रणी वाहन निर्माता निसान शामिल हैं। अधिकारियों ने सोमवार (15 मई) को रैनसमवेयर यानी 'फिरौती वायरस' साइबर हमले की पुष्टि की। 'फिरौती वायरस' एक ऐसा वायरस है जो हैक किए गए डाटा के बदले पैसे की उगाही करता है। फिरौती की रकम नहीं देने पर हैकर डाटा को नष्ट कर देते हैं।

पेरिस: फ्रांस के नए राष्ट्रपति एमानुअल मैक्रोन अपने कार्यालय में पहले पूर्ण कार्यदिवस पर प्रधानमंत्री के नाम की घोषणा के लिए तैयार हैं। इस दिन वह जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल से भी मिलने जाएंगे.मंगलवार को सत्ता संभालने वाले 39 वर्षीय मध्यमार्गी नेता ने फ्रांस के लिए अपनी महत्वाकांक्षी योजनाएं तैयार की हैं। उन्होंने फ्रांस के चरमराए हुए आत्मविश्वास को बहाल करने और लड़खड़ाते यूरोपीय संघ के पुनर्निम्राण में मदद करने का वादा किया है। प्रधानमंत्री का चयन उनके लिए पहला अहम काम होगा। ऐसा माना जा रहा है कि रिपब्लिकन पार्टी के 46 वर्षीय मध्य-दक्षिण मार्गी एडवर्ड फिलिप उनके पसंदीदा उम्मीदवार हैं।.उन्हें चुने जाने से यह स्पष्ट संदेश जाएगा कि मैक्रोन अपनी नई मध्यमार्गी पार्टी रिपब्लिक ऑन द मूव में रिपब्लिकनों में से अन्य आधुनिक युवाओं को आकषिर्त करना चाहते हैं। यह पार्टी जून में संसदीय चुनाव लड़ेगी।

 

बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रविवार को कहा कि सभी देशों को एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने चीन के ‘बेल्ट एंड रोड फोरम’ सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह टिप्पणी की। भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर से हो कर गुजरने वाले इस विवादित आर्थिक गलियारे को लेकर अपनी चिंताओं के चलते इस फोरम का बहिष्कार किया है। एक-दूसरे से जुड़ी हुई नयी दुनिया और अपने महत्वकांक्षी बेल्ट एंड रोड :बी एंड आर: कदम पर चीन के दृष्टिकोण का जिक्र करते हुए अपने उद्घाटन भाषण में 63 वर्षीय शी ने प्राचीन रेशम मार्ग का संदर्भ दिया और ‘‘सिंधु तथा गंगा स5यताओं सहित’’ विभिन्न स5यताओं के महत्व पर अपनी बात रखी। लेकिन उन्होंने 50 अरब डॉलर की लागत से बन रहे चीन भारत आर्थिक गलियारे :सीपीईसी: पर भारत की आपत्ति का कोई जिक्र नहीं किया। ‘बी एंड आर’ के तहत यह महत्वाकांक्षी परियोजना पाकिस्तानी कब्जे वाले गिलगिट और बाल्टिस्तान से होकर गुजरती है। भारत पूरे जम्मू-कश्मीर को अपना अभिन्न अंग मानता है। हालांकि चीनी राष्ट्रपति शी ने कहा, ‘‘सभी देशों को एक दूसरे की संप्रभुता, मर्यादा और क्षेत्रीय अखंडता का, एक दूसरे के विकास के रास्तों का, सामाजिक प्रणालियों का और एक दूसरे के प्रमुख हितों तथा बड़ी चिंताओं का सम्मान करना चाहिए।’’

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