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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

इस्लामाबाद: भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की मौत की सजा पर अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) द्वारा रोक लगाए जाने के बाद पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने आज कहा कि इस्लामाबाद राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायक्षेत्र को नहीं स्वीकार करता। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने भारत पर बरसते हुए कहा कि वह जाधव का मामला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय :आईसीजे: ले जाकर ‘‘अपना असली चेहरा छिपाने की कोशिश’’ कर रहा है। जाधव :46 साल: को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने मार्च में मौत की सजा सुनायी थी। इस फैसले पर रोक का अनुरोध करते हुए भारत ने आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था। हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जाधव की मौत की सजा पर आज रोक लगा दी और पाकिस्तान को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिये ‘‘सभी आवश्यक कदम उठाये’’ कि उसके (अंतरराष्ट्रीय न्यायालय) द्वारा अंतिम फैसला सुनाये जाने तक जाधव को फांसी न दी जाये। पाकिस्तान के लिए यह फैसला अप्रत्याशित है क्योंकि वह आश्वस्त था कि आईसीजे न्याय क्षेत्र के आधार पर मामले को खारिज कर देगा।

बीजिंग: चीन के एक सरकारी अखबार ने लिखा कि चीन-भारत संबंध जटिल बने रह सकते हैं क्योंकि महाशक्ति बनने की भारत की आकांक्षा चीन के लिए चुनौती पैदा करेगी। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख के अनुसार भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों के साथ करीबी संबंध बनाने के प्रयास कर सकता है ताकि वह पहले से अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके। अखबार ने लिखा, मोदी प्रशासन मौजूदा कूटनीतिक रणनीति में ज्यादा समायोजन नहीं करेगा, जिसे क्षेत्रीय दृष्टिकोण से परे और महाशक्ति का दर्जा पाने के प्रयास के तौर पर देखा जा सकता है। इसमें बड़ी महाशक्तियों के बीच कूटनीतिक संतुलन बनाने लेकिन अमेरिका को शीर्ष प्राथमिकता देने, चारों तरफ सुरक्षा मजबूत करने वहीं मुख्य तौर पर ध्यान चीन और पाकिस्तान पर रखने, और अधिक साझेदार बनाने तथा जापान एवं ऑस्ट्रेलिया को प्राथमिकता देने और भारतीय उत्पादों को प्रचारित करने के तौर पर भी इन्हें देखा जा सकता है। लेख में लिखा गया है कि चीन नीत शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों में शामिल होकर भारत और अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रभाव बढ़ाना चाहता है। इसमें कहा गया है, हालांकि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा क्षेत्र में अग्रणी शक्ति बनने की प्रक्रिया में भारत के लिए यह समक्षना बड़ी चुनौती होगी कि पाकिस्तान, चीन और अन्य पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को बेहतर तरीके से कैसे संभाला जाए।

जलालाबाद: अफगानिस्तान के जलालाबाद में आतंकियों ने बुधवार को राष्ट्रीय टेलीविजन और रेडियो स्टेशन पर हमला कर दिया। दो आतंकियों समेत 6 लोगों की मौत हो गई, क्योंकि उन्होंने खुद को उड़ा लिया। हमले में कुछ पत्रकार की मौत की भी सूचना है। वहीं 16 लोगों के घायल होने की भी खबर है। आतंकियों और सुरक्षाबलों में संघर्ष अब भी जारी है। हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने नहीं ली है। लेकिन इस प्रांत में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकी सक्रिय हैं। अमेरिकी सेना ने पिछले महीने इस प्रांत पर अपना सबसे बड़ा गैर परमाणु बम गिराया था। सरकारी प्रवक्ता अताउल्ला खोगयानी ने कहा, चार हमलावर आरटीए (रेडियो टेलीविजन अफगानिस्तान) की इमारत में घुस गए। दो ने खुद को उड़ा लिया और दो अब भी संघर्ष कर रहे हैं। आरटीए के एक फोटोग्राफर ने बताया कि जैसे ही मुठभेड़ शुरू हुई वह इमारत से भाग गया, लेकिन उसके कई सहकर्मी अब भी अंदर फंसे हैं।

बीजिंग: चीन के ‘बेल्ट एंड रोड फोरम’ में शामिल होने से भारत के इंकार को चीन के सरकारी मीडिया ने ‘घरेलू राजनीतिक तमाशे का हिस्सा’ करार दिया और साथ ही कहा कि इसका मकसद बीजिंग का ‘विशेष ध्यान खींचने’ के लिए दबाव बनाना है। ग्लोबल टाइम्स ने अपने आज के संपादकीय में लिखा है, ‘भारत उम्मीद करता है कि वह अधिक सक्रियता से द्विपक्षीय संबंधों को आकार दे सकता है और साथ ही उम्मीद करता है कि चीन भारत के हितों पर विशेष ध्यान दे।. लेकिन देश इस प्रकार से संवाद कायम नहीं करते हैं।’ इसमें कहा गया है, ‘बी एंड आर पर भारत की आपत्ति आंशिक रूप से घरेलू राजनीति का तमाशा है, जिसका मकसद चीन पर दबाव बनाना है। लेकिन बीएंडआर में भारत की गैर मौजूदगी से बीजिंग में इस फोरम पर असर नहीं पड़ा है और इस पहल से विश्व जो तरक्की करेगा, उसमें तो इसका और भी कम असर पड़ेगा।’’ भारत 50 अरब डालर की चीन. पाकिस्तान आर्थिक गलियारा योजना पर अपनी संप्रभुत्ता की चिंताओं को लेकर बीआरएफ में शामिल नहीं हुआ है। आर्थिक गलियारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है। दैनिक ने लिखा है कि यदि भारत खुद को एक बड़ी ताकत के रूप में देखता है तो उसे चीन के साथ बहुत सी असहमतियों का अभ्यस्त होना चाहिए और साथ ही चीन के साथ इन असहमतियों से निपटने का प्रयास करना होगा।

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