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वक्फ संशोधन बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट शीतकालीन सत्र में नहीं होगी पेश

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत ने चीन को चेताया है कि अगर वह उत्तर कोरिया के साथ व्यापार कर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का उल्लंन करता है तो वह अमेरिका के साथ अपने वहद व्यापार को लेकर एक तरह से जोखिम उठाएगा। प्योंगयांग द्वारा बैलिस्टिक मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक में निक्की हेली ने अपने कठोर भाषण में यह टिप्पणी की। हेली ने कहा कि यह दुनिया और ज्यादा खतरनाक बन गई है और अमेरिका अपने विशाल सैन्य बलों का इस्तेमाल खुद की और अपने सहयोगियों की सुरक्षा के लिए करेगा लेकिन व्यापार को तरजीह देता रहेगा। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को लागू करना ज्यादातर चीन पर निर्भर करता है क्योंकि उत्तर कोरिया के साथ व्यापार में चीन की भागीदारी 90 प्रतिशत है। हेली ने कहा कि ट्रंप प्रशासन चीन और अन्य देशों के साथ इस पर काम जरूर करेगा लेकिन पिछली चीजों को नहीं दोहराएगा। रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा कि वह उत्तर कोरिया के खिलाफ नए प्रतिबंधों का विरोध करता है और प्योंगयांग के खिलाफ सैन्य विकल्प चुनना अस्वीकार्य है। रूसी उप राजदूत व्लादिमीर सेफ्रनकोव ने परिषद के आपात सत्र में कहा, सभी को यह समझना चाहिए कि प्रतिबंधों से समस्या नहीं सुलझेगी।

नई दिल्ली: चीन की सरकारी मीडिया ने भारत को धमकी दी है कि उनका देश सिक्किम-डोकलाम विवाद में पीछे नहीं हटेगा। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने ताजा संपादकीय में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सीमा विवाद मामले में भारत पीछे नहीं हटेगा तो चीन 'सिक्किम में आजादी' का समर्थन करना शुरू कर देगा। गौरतलब है कि सिक्किम बॉर्डर पर भूटान ट्राइजंक्शन के पास डोकलाम में भारत और चीनी सैनिकों के बीच 20 दिन से गतिरोध जारी है। अखबार में छपे लेख में कहा गया, भारत से निपटने के लिए सिक्किम की आजादी का समर्थन एक 'पावरफुल कार्ड' होगा। बीजिंग को सिक्किम को लेकर अपने रुख पर फिर से विचार करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्‍योंकि इसका मानना है कि भारत को अपने उकसावे के लिए कीमत चुकानी होगी। चीन को भारत की 'क्षेत्रीय आजादी' खत्‍म करने की जरूरत है। भारत पर आरोप लगाते हुए कहा गया है, भारत भूटान पर कंट्रोल करने और ऑपरेशन करने का प्रयास कर रहा है। भूटान ने अपने पड़ोसी देश चीन सहिय संयुक्त राष्ट्र काउंसिल के किसी भी स्थायी सदस्य देश से किसी तरह राजनयिक संधि नहीं किया है। लेकिन, भारत की असमान संधि की वजह से भूटान की राजनीतिक संप्रभुता पर खतरा है।

येरूशलम: आतंकवाद और चरमपंथ के बढ़ते खतरे को लेकर साझी चिंता व्यक्त करते हुए भारत और इजरायल ने आपने सामरिक हितों की सुरक्षा के लिए सहयोग पर सहमति जताई और आतंकी संगठनों तथा उनके प्रायोजकों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का आह्वान किया। पीएम मोदी ने पीएम नेतन्याहू को भारत आने का न्योता भी दिया जिसे स्वीकार कर लिया है। अपनी ऐतिहासिक यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायली के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत के बाद कहा कि भारत आतंकवादी संगठनों द्वारा हिंसा और नफरत से सीधे तौर पर पीड़ित है और यही हाल इजरायल का भी है। मोदी ने कहा कि अपनी बातचीत में वे और नेतन्याहू आतंकवाद से लड़ने और अपने सामरिक हितों की सुरक्षा के लिये साथ मिलकर और काम करने पर सहमति जताई। बाद में एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने माना कि आतंकवाद वैश्विक शांति और स्थायित्व के लिये बड़ा खतरा है तथा उसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से लड़ने के लिये अपनी मजबूत प्रतिबद्धता पर जोर दिया। इसमें कहा गया, उन्होंने जोर दिया कि किसी भी आधार पर आतंकी कत्य को न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता।

येरूशलम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजराइल यात्रा का आज (बुधवार) दूसरा दिन है। इजराइल में प्रधानमंत्री आज अपने समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात करेंगे और द्विपक्षीय चर्चा करेंगे। इसके अलावा वे राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन से भी मिलेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब से इजरायल की धरती पर उतरे हैं तबसे उनकी औऱ इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के बीच की दोस्ती लगातार नए परवान चढ़ रही है। दोनों नेताओं ने कई बार एक-दूसरे को गले लगाया है। इसके अलावा वहां पीएम मोदी का बेहद गर्मजोशी से स्वागत करते हुए नेतन्याहू ने में कहा, 'आपका स्वागत है मेरे दोस्त'। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल रात कहा कि जो लोग मानवता और सभ्यता के मूल्यों में विश्वास रखते हैं उन्हें एकजुट होकर आगे आना चाहिए और इनका किसी भी कीमत पर बचाव करना चाहिए। उन्होंने दुनियाभर में महामारी की तरह फैली आतंकवाद, कटटरपंथ और हिंसा की बुराईयों का दढ़ संकल्प के साथ विरोध करने का आह्वान किया। अपने इस्राइली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मिलकर जारी किए गए प्रेस वक्तव्य में मोदी ने कहा कि येद वाशेम स्मारक, यह कई पीढि़यों पहले ढहाए गए कहर की याद दिलाता है।

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