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हैम्‍बर्ग: सिक्किम क्षेत्र में भारत एवं चीन के बीच गतिरोध और विवादित दक्षिण एवं पूर्व चीन सागरों में बीजिंग की दावों के बीच चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ब्रिक्स देशों से शुक्रवार को अपील की कि वे 'क्षेत्रीय संघर्षों एवं विवादों' का 'राजनीतिक एवं शांतिपूर्ण समाधान' खोजें। चीन की सरकारी संवाद समिति शिन्‍हुआ ने बताया कि शी ने जर्मन शहर हैम्‍बर्ग में जी-20 शिखर सम्मलेन के इतर ब्रिक्स देशों के नेताओं की अनौपचारिक बैठकों में यह अपील की। उन्होंने ब्रिक्स देशों के सदस्यों से अपील की कि वे वैश्विक मुक्त अर्थव्यवस्था का सतत निर्माण करें, बहुपक्षवाद को समर्थन दें और साझा विकास को प्रोत्साहित करें। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी के अलावा ब्राजील के राष्ट्रपति माइकर टेमेर, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जूमा ने भाग लिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि बैठक की अध्यक्षता करने वाले शी ने समूह के सदस्यों से कहा कि वे 'क्षेत्रीय संघर्षों एवं विवादों के राजनीतिक एवं शांतिपूर्ण समाधान' खोजें।

हैम्बर्ग: जर्मनी के शहर हैम्बर्ग में आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आह्वान पर जी20 देशों के नेताओं ने मुहर लगाई। आतंकवाद के मुद्दे पर जी20 ने शुक्रवार को नया मसौदा पारित किया। जी20 देशों ने संचार कंपनियों सहित निजी क्षेत्र से कहा कि वे आतंकवाद के लिए इंटरनेट के दुरुपयोग पर अंकुश लगाकर कट्टरपंथ के खिलाफ लड़ाई में साथ आएं। प्रस्ताव में कहा गया कि आतंकवादियों को उकसाने वाली सामग्री रोकने का कानूनी नियम डिजिटल और गैर डिजिटल दोनों क्षेत्रों पर लागू होता है। मसौदे में निजी क्षेत्र खासकर टेक कंपनियों से कहा गया कि आतंकी धमकियों और साजिशों का खुलासा करने के लिए वे जरूरत के मुताबिक सूचनाएं मुहैया कराएं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने जी20 सम्मेलन में आतंकवाद के खिलाफ 11 सूत्रीय एजेंडा पेश किया था। नेताओं ने आतंकवाद की फंडिंग, उनकी पनाहगाहों को खत्म करने का संकल्प लिया। सदस्य देशों ने तय किया कि इराक और सीरिया से लौटे विदेशी आतंकियों को उनके मूल देश में जड़ जमाने से रोका जाएगा। तय किया गया कि आतंकवाद को लेकर खुफिया सूचनाएं साझा करने के साथ कानूनी और न्यायिक एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाया जाएगा।

हैमबर्ग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद का नाम लेते हुए और पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा कि कुछ देश राजनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आतंकवाद का एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। मोदी ने जी-20 सदस्य देशों से इस तरह के राष्ट्रों के खिलाफ ऐसा सामूहिक कदम उठाने की मांग की जो 'प्रतिरोधक' बन सके। मोदी ने जी-20 शिखर बैठक को संबोधित करते हुए लश्कर और जैश की तुलना आईएसआईएस और अलकायदा से की और कहा कि इनके नाम भले ही अलग हों, लेकिन इनकी विचारधारा एक है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग जैसे विश्व नेताओं की मौजूदगी में मोदी ने इस बात पर अफसोस जताया कि आतंकवाद को लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया 'कमजोर' है। उन्होंने कहा कि इस समस्या का मुकाबला करने के लिए और सहयोग की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने 10 सूत्री 'कार्य एजेंडा' पेश किया जिसमें जी-20 देशों के बीच आतंकवादियों की सूचियों के आदान-प्रदान, प्रत्यर्पण जैसी कानूनी प्रक्रियाओं को आसान बनाने एवं गति देने तथा आतंकवादियों को धन एवं हथियारों की आपूर्ति पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने के सुझाव शामिल हैं।

हैम्बर्ग (जर्मनी): भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में हो रहे दो-दिवसीय जी-20 सम्मेलन से इतर ब्रिक्स देशों, ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के प्रमुखों की अनौपचारिक बैठक के दौरान एक दूसरे की तारीफ की। बैठक के लिए कमरे में दाखिल होने पर भी दोनों नेताओं ने एक दूसरे से हाथ मिलाया और अभिवादन किया। विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि शी चिनफिंग ने अपने समापन भाषण के दौरान "आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत संकल्प, तथा भारत की अध्यक्षता में वर्ष 2016 में हुए गोवा शिखर सम्मेलन के फलस्वरूप ब्रिक्स में आई तेज़ गति की प्रशंसा की। उन्होंने आर्थिक तथा सामाजिक विकास में भारत की सफलता की भी सराहना की, तथा इससे भी ज़्यादा कामयाबी की शुभकामनाएं दीं।" मंत्रालय के अनुसार, शी चिनफिंग से ठीक पहले बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अध्यक्षता में ब्रिक्स में आई गति की सराहना की और संपूर्ण सहयोग का वादा करते हुए ब्रिक्स के ज़ियामेन शिखर सम्मेलन के लिए शुभकामनाएं दीं।"

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