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हैमबर्ग: अमेरिका के अलग रास्ता अपना लेने के बावजूद जी-20 के बाकी सभी देशों ने जलवायु परिवर्तन के लिए 2015 में किए गए पेरिस समझौते के प्रति संकल्प दोहराया है। जी-20 सम्मेलन के दूसरे दिन दिए गए साझा बयान में अमेरिका को छोड़ बाकी 19 देशों ने कहा है कि पेरिस डील से पीछे नहीं हटा जा सकता। साझा बयान में संयुक्त राष्ट्र के उस संकल्प को पूरा करने के महत्व को दोहराया गया है जिसमें साफ ऊर्जा के इस्तेमाल बढ़ाने और क्लाइमेट के खतरों से लड़ने के लिए विकसित देश गरीब और विकासशील देशों की मदद करेंगे। साझा बयान में इन देशों ने पेरिस समझौते के तहत किये वादों को तेज़ी से पूरा करने की बात कही है। गौरतलब है कि 2 साल पहले जलवायु परिवर्तन के खतरों से लड़ने और दुनिया के तापमान को बढ़ने से रोकने के लिए पेरिस में करीब 200 देशों ने एक संधि की थी। जिसमें सभी देशों ने ग्लोबल वॉर्मिग औऱ कार्बन उत्सर्जन को रोकने के लिए साफ ऊर्जा के लिए अपने अपने लक्ष्य तय किए हैं। उधर, अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पद भार संभालने के बाद पेरिस डील से बाहर आने का ऐलान कर दिया। ट्रंप का कहना है कि जलवायु परिवर्तन चीन जैसे देशों का खड़ा किया हुआ हौव्वा है।

नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक बार फिर कश्मीरी राग अलापते हुए आपत्तिजनक बयान दिया है। हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी की पहली बरसी के मौके पर शरीफ ने कहा कि कश्मीर की जंग को वानी ने नया जोश दिया है। शरीफ ने बुरहान वानी को शहीद बताते हुए उसे श्रद्धांजलि दी। साथ ही शरीफ ने भारत पर भी गंभीर आरोप लगाए। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है, जब पाकिस्तान ने वानी को शहीद करार दिया है। पहले भी कई मौकों पर पाकिस्तान ऐसा कर चुका है। पिछले साल सितंबर में पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली में बुरहान वानी को नायक बताने की कोशिश की थी। तब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र में ही नवाज शरीफ को कड़ा जवाब भी दिया था। सुषमा स्वराज ने कहा था कि आतंकवादियों को पालना कुछ देशों का शौक बन गया है।

हैम्बर्ग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगौड़े विजय माल्या और आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी को वापस लाने के लिए ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे से बात की है। शनिवार को जी-20 सम्मेलन से इतर बैठक में उन्होंने ब्रिटिश पीएम से अपील की कि वह भारत में आर्थिक अपराध के मामलों में कानूनी कार्रवाई से बच कर ब्रिटेन भागे भारत के नागरिकों को वापस लाने में अपने देश का सहयोग सुनिश्चित करें। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री ने भागे हुए भारतीय आर्थिक अपराधियों को लौटाने में ब्रिटेन के सहयोग के लिए कहा। यह पूछे जाने पर कि क्या यह अनुरोध केवल माल्या के मामले तक सीमित था या इसमें ललित मोदी का भी उल्लेख किया गया तो बागले का जवाब था, ‘मैं विवरण में नहीं पड़ना चाहता पर ट्वीट में जो शब्दावली प्रयोग की गई है, उसमें भाग कर गए आर्थिक अपराधियों का उल्लेख है और यह बहुवचन में है।’ 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं लौटाने के मामले में भारत को माल्या की तलाश है और वह मार्च, 2016 से ही ब्रिटेन में है। जर्मनी में शनिवार को संपन्न हुए दो दिवसीय जी-20 सम्मेलन में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच गर्मजोशी देखने को मिली।

संयुक्त राष्ट्र: परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने से जुड़ी पहली वैश्विक संधि की स्वीकृति के लिए संयुक्त राष्ट्र में 120 से अधिक देशों ने मतदान किया है। हालांकि, भारत, अमेरिका, चीन और पाकिस्तान सहित अन्य परमाणु क्षमता सम्पन्न देशों ने परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने की खातिर कानूनी तौर पर बाध्यकारी व्यवस्था के लिए हुई वार्ताओं का बहिष्कार किया। परमाणु हथियार प्रतिबंध संधि परमाणु अप्रसार के लिए कानूनी तौर पर बाध्यकारी पहली बहुपक्षीय व्यवस्था है, जिसके लिए 20 साल से वार्ता चलती रही है। इस संधि पर शुक्रवार को गर्मजोशी और तारीफ के बीच मतदान हुआ, जिसमें इसके पक्ष में 122 देशों ने वोट किया। इस संधि के विरोध में सिर्फ एक देश नीदरलैंडस ने वोट किया जबकि एक देश सिंगापुर मतदान से दूर रहा। भारत, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इस्राइल जैसे परमाणु क्षमता संपन्न देशों ने इन वार्ताओं में हिस्सा नहीं लिया। परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध के मकसद से कानूनी तौर पर बाध्यकारी व्यवस्था पर वार्ता के लिए इस साल मार्च में एक विशेष सत्र आयोजित किया गया था। वार्ता के लिए एक सम्मेलन बुलाने के लिए पिछले साल अक्तूबर में 120 से ज्यादा देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक प्रस्ताव पर मतदान किया था।

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