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मॉस्को: रूस की राजधानी मॉस्को में आतंकवादी हमला हुआ है। हमले में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। रूसी मीडिया के मुताबिक, मॉस्को के पास क्रोकस सिटी हॉल में कॉन्सर्ट के दौरान आतंकवादियों ने लोगों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। आतंकियों ने विस्फोटक से हॉल में धमाका भी किया, जिससे वहां आग लग गई। हमले के बाद विशेष पुलिस बल ने मोर्चा संभाल लिया है। वहीं, आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी ली है। आईएस ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तीन से चार बंदूकधारियों ने एक साथ लोगों पर फायरिंग शुरू की दी, जिसमें कम से कम 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। पुलिस की टीमें लोगों को निकालने और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जुट गई हैं। आपातकालीन सेवा मंत्रालय ने कहा कि गोलीबारी के बाद लगभग 100 लोग थिएटर के तहखाने से भागने में सफल रहे, जबकि अन्य लोग छत पर जाकर छुप गए। बयान में कहा गया कि रॉक बैंड के सभी सदस्यों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।

वाशिंगटन: अमेरिका ने अरुणाचल प्रदेश सीमा मामले में भारत का साथ देते हुए चीन को कड़ी चेतावनी दी है। दरअसल, अमेरिका ने कहा कि हम अरुणाचल को भारतीय क्षेत्र के रूप में मान्यता देते हैं और वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार के हिस्सा पर चीन के दावे को गलत ठहराते हैं।

बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चीन के किसी भी एकतरफा प्रयास का वो दृढ़ता से विरोध करते हैं। चीन ने हाल ही में अरुणाचल को अपना हिस्सा बताआ था और प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के बाद राज्य पर दावा किया था।

अमेरिका के विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारतीय क्षेत्र के रूप में मान्यता देता है और हम सैन्य या नागरिक द्वारा घुसपैठ या अतिक्रमण का पूरा विरोध करते हैं।

इस सप्ताह की शुरुआत में, चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल झांग जियाओगांग ने कहा था कि अरुणाचल चीन का हिस्सा है और बीजिंग अरुणाचल प्रदेश को कभी स्वीकार नहीं करता। इसी बयान पर अब अमेरिका ने चीन को लताड़ लगाई है।

मॉस्को: व्लादिमीर पुतिन ने रूस में हुए राष्ट्रपति चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है, जिसके बाद पुतिन का पांचवी बार रूस का राष्ट्रपति बनना तय हो गया है। सोमवार को नतीजों की घोषणा होने के बाद पुतिन ने अपने पहले संबोधन में पश्चिमी देशों को धमकी देते हुए तीसरे विश्वयुद्ध की चेतावनी दे दी। उन्होंने कहा कि रूस और अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो गठबंधन में अगर संघर्ष हुआ तो इसका मतलब ये है कि यह दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध से महज एक कदम दूर होगी और शायद ही कोई ऐसी परिस्थिति देखना चाहता है।

पुतिन का दावा- अभी भी नाटो के सैनिक यूक्रेन में मौजूद

साल 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के बाद से रूस और पश्चिमी देशों के संबंध सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां ने बीते महीने ही भविष्य में यूक्रेन में अपने सैनिकों को उतारने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया। इस बारे में जब पुतिन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 'आज के आधुनिक दौर में कुछ भी संभव है, लेकिन अगर ऐसा होता है तो तीसरा विश्वयुद्ध ज्यादा दूर नहीं है।'

वॉशिंगटन: गाजा युद्ध में अमेरिका शुरुआत से इजरायल के साथ खड़ा नजर आया है। राष्‍ट्रपति जो बाइडेन इस युद्ध में इजरायल की हर संभव मदद करते आए हैं। लेकिन पहली बार बाइडेन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्‍याहू के खिलाफ बोला है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, बाइडेन ने शनिवार को एमएसएनबीसी प्रसारण के साथ एक इंटरव्‍यू के दौरान कहा कि गाजा में युद्ध के लिए इजरायली नेता बेंजामिन नेतन्याहू का नजरिया "इजरायल की मदद करने से ज्यादा इजरायल को नुकसान" पहुंचा रहा है।

नेतन्‍याहू के एक्‍शन से बाइडेन भी खफा

बाइडेन इस समय अमेरिका के राष्‍ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में जुटे हुए हैं। इस दौरान उन्‍होंने कहा, "नेतन्याहू को इजरायल की रक्षा करने का अधिकार है... हमास लड़ाकों का पीछा करना जारी रखने का अधिकार है, लेकिन उन्हें अपने द्वारा उठाए जा रहे कदमों के परिणाम स्वरूप खोई जा रही निर्दोष जिंदगियों पर अधिक ध्यान देना चाहिए।" 81 वर्षीय डेमोक्रेट ने कहा, "एक रेड लाइन होना बेहद जरूरी है।"

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