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नई दिल्ली: ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका वैक्सीन ने उनकी कोरोना वैक्सीन से खतरनाक साइड इफेक्ट्स की बात को स्वीकार किया है। फार्मा कंपनी ने माना है कि उनकी कोविशील्ड वैक्सीन कई दुर्लभ मामलों में खून के थक्के जमने और प्लेटलेट काउंट कम होना का भी कारण हो सकती है। इसके साथ ही उन्होंने मरीजों की सेफ्टी को लेकर अपनी प्रतिबद्धता एक बार फिर से दोहराई।

बता दें कि भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ने कोविशील्ड नाम से जो वैक्सीन बनाई थी, वह एस्ट्राजेनेका का ही फॉर्मूला है।

कोविशील्ड वैक्सीन के दुष्प्रभावों को कंपनी स्वीकारा

यह पहली बार नहीं है जब एस्ट्राजेनेका ने अपने कोरोना वैक्सीन से जुड़े दुष्प्रभावों को स्वीकार किया है। ब्रिटेन की एक अदालत में फार्मा कंपनी के खिलाफ 100 मिलियन पाउंड के क्लास एक्शन मुकदमे से जुड़े मामले में कंपनी ने यह स्वीकार किया कि वैक्सीन दुर्लभ मामलों में वास्तव में थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) की वजह बन सकती है।

कोलंबिया: इजरायल-हमास के बीच चल रहे युद्ध और गाजा में पैदा हो रहे मानवीय संकट से अमेरिका में तेजी से विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। इन विरोध-प्रदर्शनों को देखते हुए न्यूयॉर्क के कोलंबिया यूनिवर्सिटी परिसर में मंगलवार देर रात भारी पुलिस बल पहुंचा। ये जानकारी एएफपी के एक रिपोर्टर के हवाले से सामने आई है। पुलिस उस इमारत के सामने पहुंची, जहां फिलिस्तीनी समर्थक छात्र मौजूद थे।

रिपोर्टर ने बताया कि पुलिस ने जब वहां पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ना शुरू किया, उस दौरान दर्जनों लोग न्यूयॉर्क शहर के मध्य में कोलंबिया परिसर में हैमिल्टन हॉल के आसपास जुटे हुए थे।

कोलंबिया यूनिवर्सिटी परिसर में पुलिस का पहरा

साल 1960 और 70 के दशक में वियतनाम युद्ध के दौरान हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद से ही अमेरिकी कॉलेज परिसरों में अशांति की शुरुआत हुई। इसकी वजह से न जाने कितने ही छात्रों और अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। सस्पेंशन और निष्कासन की धमकियों के बावजूद कई छात्र अपनी जिद पर अड़े हुए हैं।

नई दिल्ली: भारत और कनाडा के बीच रिश्ते पटरी पर आते नहीं दिख रहे। एक बार फिर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है। दरअसल, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की उपस्थिति वाले एक कार्यक्रम में खालिस्तान समर्थक नारे लगाए जाने के बाद केंद्र ने सोमवार को विदेश मंत्रालय में कनाडाई उप उच्चायुक्त को तलब किया।

'भारत-कनाडा संबंधों को प्रभावित कर रहीं ये घटनाएं'

एक बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडाई राजनयिक को भारत विरोधी गतिविधियों को कार्यक्रम में लगातार जारी रखने की अनुमति पर भारत ने गहरी चिंता के साथ ही मजबूत विरोध भी जताया है। बाताया जा रहा है कि रविवार (28 अप्रैल, 2024) को जस्टिन ट्रूडो टोरंटो में खालसा दिवस समारोह में शामिल हुए। कार्यक्रम के वीडियो में दिखाया गया कि जैसे ही ट्रूडो ने भीड़ को संबोधित करना शुरू किया, खालिस्तान समर्थक नारे लगाए गए।

लंदन: कोविड वैक्सीन की वजह से साइड इफेक्ट होने के तमाम दावों के बीच टीका बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने बड़ा खुलासा किया है। कंपनी ने अदालत में पेश किए दस्तावेजों में पहली बार माना है कि कोविड-19 वैक्सीन की वजह से साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, लेकिन ऐसे मामलों की संख्या कम होने का दावा किया है।

कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया नाम से दुनियाभर में बिकी वैक्सीन

बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान पूरी दुनिया में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीन को कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया समेत कई नामों से बेचा गया। फिलहाल, इस वैक्सीन की वजह से होने वाली मौतों समेत कई गंभीर बीमारियों को लेकर एस्ट्राजेनेका पर केस दायर किया गया था। कंपनी पर आरोप है कि उसने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की मदद से जो वैक्सीन तैयार की है, उसके कई साइड इफेक्ट्स सामने आए हैं।

गौरतलब है कि कई परिवारों ने अदालत में केस दायर किया था। उनका आरोप था कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स की वजह से गंभीर दिक्कतें हुई हैं।

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