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वाशिंगटन: अमेरिका काबुल एयरपोर्ट पर हमले के बाद अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित है। अमेरिका ने अपने नागरिकों को काबुल एयरपोर्ट के आसपास के गेट तुरंत छोड़ने के लिए कहा है। जहां पर इस सप्ताह एक आत्मघाती हमलावर ने तालिबान शासन से भागने की कोशिश कर रही भीड़ को निशाना बनाया था। इससे पहले शुक्रवार को पेंटागन ने कहा था कि अमेरिकियों और अफगान सहयोगियों को निकालने के लिए उच्च जोखिम वाले काबुल एयरलिफ्ट ऑपरेशन को अभी भी 'विशिष्ट, विश्वसनीय खतरों' का सामना करना पड़ सकता है।
काबुल स्थित अमेरिकी दूतावास ने सुरक्षा अलर्ट में कहा, 'अमेरिकी नागरिक जो ऐबे गेट, ईस्ट गेट, नॉर्थ गेट या न्यू मिनिस्ट्री ऑफ इंटीरियर गेट पर हैं, उन्हें अब तुरंत निकल जाना चाहिए।' दूतावास ने कहा, 'काबुल एयरपोर्ट पर सुरक्षा खतरों के कारण हम अमेरिकी नागरिकों को एयरपोर्ट की यात्रा से बचने और एयरपोर्ट के फाटकों से बचने की सलाह देते हैं।' अलर्ट में इस बारे में कोई और विवरण नहीं दिया है कि सुरक्षा के खतरे क्या हो सकते हैं।
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वाशिंगटन: संयुक्त राष्ट्र् अमेरिका की सेना ने शनिवार को इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के ठिकानों पर ड्रोन से हवाई हमला किया है। अफगानिस्तान में एक आईएस सदस्य पर काबुल एयरपोर्ट पर विनाशकारी आत्मघाती बम विस्फोट के 48 घंटे से भी कम समय में अमेरिका की यह बड़ी कार्रवाई है। दो दिन पहले काबुल एयरपोर्ट पर हुए विस्फोट में 13 अमेरिकी सैनिकों के अलावा 78 अफगान मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस-के ने ली थी।
अमेरिकी सेना ने दावा किया कि उसने काबुल हवाई अड्डे पर घातक आत्मघाती बम विस्फोट की जिम्मेदारी लेने वाले इस्लामिक स्टेट-खोरासन के एक "योजनाकार" के खिलाफ ड्रोन हमला किया है और उसे मार गिराया है। मध्य कमान के कैप्टन बिल अर्बन ने कहा, "मानवरहित हवाई हमला अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में किया गया है और शुरुआती संकेत हैं कि हमने लक्ष्य को मार गिराया है।" इस हमले के बाद पहली अमेरिकी हमले की घोषणा करते हुए उन्होंने एक बयान में कहा, "हमें किसी भी नागरिक के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है।"
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वॉॉशिंगन: आंखें बंद और लड़खड़ाती हुई आवाज....अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल से निकासी के दौरान हुए विस्फोट में अपने 13 सैनिकों को गंवाने का दर्द अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की शारीरिक अवस्था से समझा जा सकता था। इस घटना को उनके राष्ट्रपति पद के कार्यकाल के लिए बड़ा आघात माना जा सकता है। व्हाइट हाउस से संवाददाताओं को संबोधित करते हुए हुए खामोशी के बीच बाइडेन ने कुछ क्षण के लिए सर झुका लिया और इसके बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब देने शुरू किए।
मारे गए 'हीरोज' की बात करते हुए वे कई बार भावुक होते नजर आए और उनकी आंखों में आंसू भर आए। हालांकि जब उन्होंने हमलावरों को ढूंढ निकालकर मौत के घाट उतारने की बात कही तो उनकी आवाज में बेहद दृढ़ता थी। वैसे इस बात में कोई संदेह नहीं कि काबुल एयरपोर्ट की विस्फोट की घटना ने बाइडेन को राष्ट्रपति के तौर पर हिला दिया है। डोनाल्ड ट्रंप के 'अशांति' से भरे सालों में बाइडेन ने जनवरी में राष्ट्रपति का ऑफिस संभाला था, तो शांति और विदेशों में अमेरिका को सम्मान वापस दिलाने का वादा किया था।
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काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुवार को हुए आत्मघाती बम धमाकों में कई लोगों की जान जाने की खबर है। मीडियो रिपोर्ट्स के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट धमाकों में 95 लोग मारे गए हैं, जिसमें 13 अमेरिकी सैनिक भी शामिल हैं। गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे पर दो बम धमाके के बाद एक समाचार एजेंसी ने तीसरे धमाके की जानकारी दी। कई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि काबुल में और भी धमाके हो सकते हैं। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने अपने दावे में इस धमाके की जिम्मेदारी ली है।
यह विस्फोट ऐसे समय हुआ है, जब अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद से हजारों अफगान देश से निकलने की कोशिश कर रहे हैं और पिछले कई दिनों से हवाई अड्डे पर जमा हैं। काबुल हवाईअड्डे से बड़े स्तर पर लोगों की निकासी अभियान के बीच पश्चिमी देशों ने हमले की आशंका जतायी थी। कई देशों ने लोगों से हवाईअड्डे से दूर रहने की अपील की थी क्योंकि वहां आत्मघाती हमले की आशंका जताई गई थी।
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