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वक्फ संशोधन बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट शीतकालीन सत्र में नहीं होगी पेश

वाशिंगटन/पेशावर: अमेरिकी सेना के जाने के बाद संकट में घिरे अफगानिस्तान में आज तालिबान सरकार का एलान होगा। तालिबान का सह-संस्थापक मुल्ला बरादर इस सरकार का नेतृत्व करेगा। हालांकि नई सरकार का गठन शुक्रवार को होना था, लेकिन इसे एक दिन के लिए टाल दिया गया। तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि नई सरकार के गठन की घोषणा शनिवार को होगी। 

तालिबान सूत्रों ने बताया कि दोहा स्थित तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के चेयरमैन मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को सरकार का प्रमुख बनाने की सार्वजनिक घोषणा जल्द ही होगी। मुल्ला बरादर के साथ तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब व शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई की भी सरकार में अहम भूमिका होगी। तालिबान के सूचना व संस्कृति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी मुफ्ती इनामुल्लाह सामंगानी ने कहा कि सभी शीर्ष नेता काबुल पहुंच चुके हैं और नई सरकार का एलान करने की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। सरकार के गठन को लेकर आपसी सहमति बन चुकी है, और अब मंत्रिमंडल को लेकर कुछ आवश्यक बातचीत हो रही है।

नई दिल्ली: तालिबान के तीन सूत्रों ने कहा कि इस्लामिक मिलिशिया ने शुक्रवार को काबुल के उत्तर में पंजशीर घाटी पर कब्जा कर लिया। पंजशीर अफगानिस्तान का आखिरी हिस्सा है, जो तालिबान की खिलाफत में खड़ा था। एक तालिबान कमांडर ने कहा, "सर्वशक्तिमान अल्लाह की कृपा से, हम पूरे अफगानिस्तान को नियंत्रण में ले चुके हैं। संकट पैदा करने वालों को हरा दिया गया है और पंजशीर अब हमारे अधीन है।" रिपोर्टों की पुष्टि अभी नहीं हो सकी है।

विपक्षी ताकतों के नेताओं में से एक, पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने टेलीविजन स्टेशन टोलो न्यूज को बताया कि उनके देश छोड़कर भाग जाने की खबरें झूठ थीं। सालेह ने उनके द्वारा भेजी गई वीडियो क्लिप पर कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम एक मुश्किल स्थिति में हैं। हम तालिबानी आक्रमण के मध्य में हैं... हम पकड़ बनाए हुए हैं, हमने विरोध किया है।" उन्होंने यह भी ट्वीट किया, "प्रतिरोध जारी है और जारी रहेगा। मैं यहां अपनी मिट्टी के साथ, अपनी मिट्टी के लिए और इसकी गरिमा की रक्षा के लिए हमेशा खड़ा हूं।" उनके बेटे, इबादुल्ला सालेह ने इस बात से इंकार किया कि पंजशीर पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है।

काबुल: अफगानिस्तान से अमेरिका के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना को निकालने और लगभग पूरे देश में राज कायम करने के बाद तालिबान ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। संगठन ने गुरुवार को ही काबुल में हथियारों की परेड निकाली, जिसमें आत्मघाती हमलों में इस्तेमाल होने वाली बम से लदी कारें और सुसाइड वेस्ट का भी प्रदर्शन किया गया। जहां कारों को ट्रक से खींचा जा रहा था, वहीं कुछ आतंकी परेड में सुसाइड वेस्ट पहनकर चल रहे थे। 

तालिबान की परेड में कौन-कौन से हथियार?
तालिबान की इस परेड का अफगानिस्तान के सरकारी चैनल पर प्रदर्शन हुआ। इसमें आईईडी के अलावा एके-47 और अन्य हथियार दिखाए गए। इतना ही नहीं तालिबान के कुछ लड़ाके मार्शल आर्ट्स की अपनी तकनीक से प्लेट और पत्थर तोड़ते भी दिखाई दिए। इन लड़ाकों के पीछे ही खुले ट्रॉलर में हथियार लदे दिखाई दिए, जिनमें उनके नाम भी दिए गए थे।

काबुल: एक तरफ तालिबान भारत से दोहा में बातचीत कर रहा है और दूसरी तरफ उसके प्रवक्ता ने कश्मीर मुद्दे पर बयान देना शुरू कर दिया है। चीन में उइगर मुसलमानों के दमन पर चुप्पी साधने वाले तालिबान ने कहा है कि उसे जम्मू-कश्मीर सहित दुनियाभर के मुसलमानों के लिए आवाज उठाने का अधिकार है। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने यह बयान दिया है।

तालिबान ने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब एक दिन पहले ही रिपोर्ट आई है कि अलकायदा ने उससे कश्मीर को लेकर मदद मांगी है। हालांकि, इससे पहले तालिबान नेतृत्व कह चुका  है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के मुद्दों में शामिल नहीं होगा और अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ नहीं होने देगा।

बीबीसी उर्दू को दिए इंटरव्यू में तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि उनके संगठन के पास जम्मू-कश्मीर के मुसलमानों के लिए आवाज उठाने का हक है। साथ ही सुहैल ने अमेरिका के साथ हुए दोहा समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि हम किसी देश के खिलाफ सशस्त्र अभियान नहीं चलाएंगे।

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