ताज़ा खबरें
'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

लंदन: ब्रिटेन की राजधानी लंदन में रविवार को एक कार में धमाका हुआ, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई। जबकि एक अन्य घायल हो गया। लीवरपूल में वुमेंस हास्पिटल के बाहर कार में यह विस्फोट हुआ। पुलिस का कहना है कि आतंकवाद रोधी दल के अधिकारी मौके पर धमाके की जांच कर रहे हैं। फिलहाल इसे आतंकी घटना करार नहीं दिया गया है। मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, पुलिस और फोरेंसिक एक्सपर्ट घटना की जांच करने में जुटे हैं।

मेर्सेसाइड पुलिस ने एक बयान में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि धमाके में क्षतिग्रस्त हुई कार एक टैक्सी थी, जो विस्फोट के कुछ देर पहले ही यहां लाई गई थी। मेर्सेसाइड पुलिस स्टेशन की चीफ कांस्टेबल सेरेना केनेडी ने कहा कि घटना की वजह क्या थी और क्या यह विस्फोट कराया गया, इसको लेकर जांच के बाद ही सही तस्वीर सामने आ सकती है। आतंकवाद रोधी बल का दस्ता भी जांच में पुलिस की मदद कर रहा है।

वाशिंगटन: अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनके समर्थकों की मुश्किलें भी दिनोंदिन बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में ट्रंप द्वारा छह जनवरी को कैपिटल (अमेरिकी संसद भवन) में हुई हिंसा के मामले में दस्तावेज पेश करने की मांग खारिज करने के बाद उनके सलाहकार स्टीफन बैनन पर समिति का समन खारिज करने पर आपराधिक आरोप लगा है। इस मामले में उन्हें जेल भी हो सकती है।

दरअसल, बैनन ने प्रतिनिधि सभा की चयन समिति के साथ सहयोग करने से इनकार कर दिया है, जिसके बाद सीमित ने यह सख्त कदम उठाया है। न्याय मंत्रालय ने कहा कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक प्रमुख सलाहकार स्टीफन बैनन का कैपिटल हिल पर हुई छह जनवरी की हिंसा को भड़काने का आरोप है।

इस पर चल रही जांच में बैनन ने न तो अब तक जांच समिति के सामने कोई दस्तावेज प्रस्तुत किया है और न ही समिति द्वारा पूछे गए सवालों पर जवाब पेश किया है।

ग्लासगो: स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर में इस साल संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में वार्ताकार एक ऐसे समझौते के मसकद से नए प्रस्तावों पर विचार कर रहे हैं जिससे ग्लोबल वार्मिंग से निपटने में विश्व को मदद मिल सके। ग्लासगो शहर में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में चल रही वार्ता में जलवायु मुद्दे पर अमेरिका-चीन का साथ आना अहम रहा लेकिन कोयला बिजली और जीवाश्म ईंधन सब्सिडी के मुद्दे अभी भी वार्ता की मेज पर विचाराधीन हैं।

भारतवंशी आलोक शर्मा को समझौते की उम्मीद

वार्ता की अध्यक्षता कर रहे ब्रिटेन के मंत्री और भारतवंशी आलोक शर्मा ने कहा कि उन्हें ग्लासगो में एक महत्वाकांक्षी समझौते की उम्मीद है। उन्होंने कहा, मुझे पूरी उम्मीद है कि साथी देश इस मौके का फायदा उठाएंगे। हालांकि कुछ अभियान समूहों ने कहा कि मौजूदा प्रस्ताव पर्याप्त रूप से मजबूत नहीं हैं। यहां ग्लासगो में दुनिया के सबसे गरीब देश सबसे ज्यादा खतरा महसूस कर रहे हैं। इस संबंध में ऑक्सफेम के ट्रेसी कार्टी ने कहा कि अभी जो कुछ मेज पर है वह अपर्याप्त है।

वाशिंगटन/ब्रुसेल्स: यूरोप में एक बार फिर कोरोना महामारी का एपिसेंटर बन गया है। डब्ल्यूएचओ ने चेताया है कि यूरोपीय देशों में पिछले सप्ताह कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से पहली बार किसी हफ्ते में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। इस दौरान लगभग 20 लाख मामले सामने आए और लगभग 27 हजार लोगों की मौत भी हुई। चीन और अमेरिका में भी कोरोना के मामले दोबारा बढ़ रहे हैं।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रॉस घेब्रेयेसस ने कहा है कि यूरोप में हाल ही में कोरोना वायरस से 27 हजार लोगों की मौत होना बड़ा मामला है। यह पिछले सप्ताह दुनिया में सभी कोविड-19 से हुई आधी से अधिक मौतें हैं। उन्होंने कहा, कोविड-19 मामले न केवल पूर्वी यूरोप में कम टीकाकरण दर वाले देशों में बढ़ रहे हैं, बल्कि पश्चिमी यूरोप में दुनिया के कुछ उच्चतम टीकाकरण दर वाले देशों में भी बढ़ रहे हैं।

डब्ल्यूएचओ की साप्ताहिक रिपोर्ट के अनुसार, 1 से 7 नवंबर में यूरोपीय क्षेत्र ने 19,49,419 नए मामले दर्ज किए, जिसमें नए सप्ताह 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख