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जोहानसबर्ग: दक्षिण अफ्रीका में वैज्ञानिकों ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने कोविड-19 के कई म्यूटेशन वाले नए वेरिएंट का पता लगाया है। यहां कोरोना केसों में तेजी के बीच यह घोषणा की गई है। वायरोलॉजिस्ट ट्यूलियो डी ओलिवेरा ने जल्दबाजी में बुलाए गए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "दुर्भाग्य से हमने एक नए वेरिएंट का पता लगाया है जो दक्षिण अफ्रीका में चिंता का कारण है।"

इससे पहले आज ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अधिकारियों ने दक्षिण अफ्रीका और पड़ोसी बोत्सवाना में फैल रहे नए वेरिएंट B.1.1529 पर बैठक में चर्चा की। यूसीएल जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर फ्रेंकोइस बलौक्स के साइंस मीडिया सेंटर में प्रकाशित बयान के मुताबिक, यह वेरिएंट संभवत: क्रोनिक इन्फेक्शन वाले किसी एचआईवी/एड्स के मरीज में पैदा हुआ।

नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीका में अब तक नए वेरिएंट के 22 केस मिल चुके हैं। अभी डेटा सीमित है और वैज्ञानिक संक्रमण फैलाने की इसकी क्षमता परखने में जुटे हैं।

वाशिंगटन: चीन और अमेरिका के बढ़ते तनाव के बीच वाशिंगटन ने कथित तौर पर कई चीनी फर्मों को ट्रेड ब्लैकलिस्ट में डाल दिया है। रॉयटर्स के मुताबिक अमेरिका ने कहा है कि ये कंपनियां चीनी सेना के क्वांटम कंप्यूटिंग कोशिशों को तैयार करने में मदद कर रही हैं। 8 चीन बेस्ड टेक्नोलॉजी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट में रखा गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से अमेरिका ने इन कंपनियों को ब्लैकलिस्ट में डाला है।

मामले को लेकर अमेरिकी कॉमर्स सेक्रेटरी जीना रायमोंडो ने कहा है कि इससे रूसी और चीनी मिलिट्री एडवांसमेंट और एक्टिविटीज के विकास को रोकने में मदद मिलेगी जिसमें पाकिस्तान की असुरक्षित परमाणु गतिविधियां या बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम भी शामिल है।

चीन ने कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किए जाने का जमकर विरोध किया है। वाशिंगटन में चीनी प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने कहा है कि अमेरिका ने चीनी कंपनियों को नियंत्रित करने के लिए अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर रहा है।

बीजिंग: ताइवान मसले को लेकर चीन ने एक बार फिर अमेरिका को सुनाया है। चीन ने कहा है कि ताइवान पर किसी तरह का कोई समझौता संभव नहीं है और इसे लेकर अमेरिका को कोई भ्रम नहीं रहना चाहिए। चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि वाशिंगटन ने कई मसलों पर उकसाने कीई एक सीरीज बनाई थी।

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक वर्चुअल मीटिंग में बैठे थे। इस बैठक के दौरान भी ताइवान को लेकर दोनों राष्ट्रपतियों के बीच तीखे मतभेद बने रहे। जिनपिंग ने कहा था कि ताइवान की आजादी चाहने वाले लोग और उनके अमेरिकी समर्थक आग से खेल रहे हैं।

चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हाल के दिनों में अमेरिकी पक्ष ने बहुत सी गैर-जिम्मेदार बातें कही हैं। ताइवान और साउथ चाइना सी को लेकर अमेरिका ने उकसाने वाले कदम उठाए हैं। दोनों देशों के पास एडवांस सेना और हथियार हैं। ऐसे में अमेरिका को संप्रभुता, गरिमा और मूल हितों का ख्याल रखना चाहिए।

वाशिंगटन: अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए डायरेक्टर विलियम बर्न्स ने रूसी खुफिया एजेंसी को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर रूस 'हवाना सिंड्रोम' के रूप में जाने वाली रहस्यमय स्वास्थ्य घटनाओं के लिए जिम्मेदार है तो उन्हें कई गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। ये रिपोर्ट वाशिंगटन पोस्ट ने दी है। बता दें कि हाल के महीनों में दर्जनों अमेरिकी जासूस, राजनयिक और एफबीआई एजेंट हवाना सिंड्रोम से पीड़ित हुए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक बर्न्स ने हाल ही में अपने मॉस्को यात्रा के दौरान रूस के सामने इस मसले को उठाया, जब वह रूस की फेडरल सिक्यूरिटी सर्विस, एफएसबी, विदेशी खुफिया सेवा और एसवीआर के टॉप अधिकारियों से बात कर रहे थे। वाशिंगटन पोस्ट ने सूत्रों के हवाल से बताया है कि बर्न्स ने रूसी रूसी जासूसों से कहा कि अमेरिकी कर्मियों और उनके परिवारों को नुकसान पहुंचाने से पेशेवर खुफिया सेवाओं का यह व्यवहार स्वीकार्य नहीं है।

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