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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

जेनेवा (स्विटजरलैंड): विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन पिछले कोविड वैरिएंट की तुलना में अधिक गंभीर बीमारी का कारण नहीं बन सकता है, और वैक्सीन सुरक्षा को पूरी तरह से इसके चकमा देने की "अत्यधिक संभावना" भी नहीं है। डब्ल्यूएचओ के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को एक समाचार एजेंसी को ये जानकारी दी है।

मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, समाचार एजेंसी से बात करते हुए, विश्व स्वास्थ्य संगठन के दूसरे-इन-कमांड ने कहा कि कोविड-19 के नए, भारी रूप से म्यूटेंट वैरिएंट के बारे में बहुत कुछ जानना अभी बाकी है, लेकिन प्रारंभिक आंकड़ों से संकेत मिलता है कि यह डेल्टा और अन्य वैरिएंट की तुलना में लोगों को ज्यादा बीमार नहीं बनाती है। डब्ल्यूएचओ के आपात स्थिति निदेशक माइकल रयान ने एक साक्षात्कार में कहा, "प्रारंभिक आंकड़े यह संकेत नहीं देते हैं कि यह अधिक गंभीर है। वास्तविकता में जो संकेत मिल रहे हैं वह कम गंभीरता की ओर इशारा कर रहे हैं।" हालांकि, उन्होंने कहा, "अभी बहुत शुरुआती दिन हैं, हमें बहुत सावधान रहना होगा कि हम उस संकेत की व्याख्या कैसे करते हैं।"

बैंकॉक: म्यांमार की लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू की को स्पेशल कोर्ट ने 4 साल कैद की सजा सुनाई है। सू की पर कोरोना प्रतिबंधों का उल्लंघन करने और लोगों को उकसाने का आरोप है। एक लीगल ऑफिसर ने सू की को यह सजा दिए जाने की जानकारी दी है। इसी साल 1 फरवरी को लोकतंत्र में तख्तापलट हुआ था और सू की के समर्थन वाली सरकार को अपदस्थ कर दिया गया था। उसके बाद से ही 76 वर्षीय सू की के खिलाफ कई मुकदमे चल रहे हैं। इनमें से ही एक में उन्हें यह सजा सुनाई गई है। बीते साल नवंबर में चुनाव से पहले एक कार्यक्रम में सू की की मौजूदगी और उसमें बड़ी संख्या में समर्थकों के जुटने को लेकर उनके खिलाफ केस चल रहा था।

इस इवेंट को लेकर ही उन पर कोरोना के नियमों के उल्लंघन का केस चल रहा था। एक लीगल ऑफिसर ने नाम उजागर न किए जाने की शर्त पर सू की को यह जानकारी दी है। सू की पर चल रहे मुकदमे को मीडिया और अन्य लोगों से दूर रखा गया था।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में श्रीलंका के नागरिक प्रियंता कुमारा दियावदान पर कट्टरपंथियों ने किस कदर कहर बरपाया इसका खुलासा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हुआ है। इसके मुताबिक, प्रियंता के शरीर की सभी हड्डियां तोड़ दी गईं थीं और शरीर का 99 फीसदी हिस्सा जल चुका था।

जियो न्यूज की ओर से साझा की गई रिपोर्ट के मुताबिक, दीयावदान की मौत का कारण खोपड़ी और जबड़े के फ्रैक्चर को बताया गया है। हमले की वजह से उनके महत्वपूर्ण अंग जैसे लीवर, पेट, एक किडनी को भी नुकसान पहुंचा था। एक पैर को छोड़कर उसके शरीर के हर हिस्से में गंभीर चोटें आईं। रीढ़ की हड्डी भी तीन जगह से टूट गई थी।

शुक्रवार को कट्टरपंती इस्लामिक दल तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों ने एक कपड़ा फैक्ट्री पर हमला बोलकर यहां जनरल मैनेजर के रूप में काम करने वाले प्रियंता की लिंचिंग की। बुरी तरह से पीटने के बाद उनके शरीर को आग के हवाले कर दिया गया। कुछ हमलावरों ने इस दौरान सेल्फी भी ली और सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किए।

बैंकॉक: म्यांमार के सबसे बड़े शहर यांगून में रविवार को सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के शांतिपूर्ण मार्च में सेना का एक ट्रक घुस गया, जिससे कम से कम पांच लोगों की मौत की खबर है। प्रत्यक्षदर्शियों और प्रदर्शन के आयोजकों ने यह जानकारी दी। सोशल मीडिया पर पोस्ट किये गए एक वीडियो में सेना के एक छोटे तेज रफ्तार ट्रक को मार्च के पीछे आते देखा जा सकता है।

गौरतलब है कि सेना ने पिछले साल एक फरवरी को म्यांमार की नेता आंग सान सू ची का तख्तापलट कर दिया था, जिसके बाद उनके खिलाफ लगभग एक दर्जन आपराधिक मामलों में सुनवाई चल रही है। सोमवार को इस संबंध में पहला निर्णय सुनाए जाने की संभावना है, जिसके चलते यांगून और देश के अन्य भागों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने एसोसिएटेड प्रेसको बताया कि जब ट्रक ने प्रदर्शनकारियों को टक्कर मारी तब वे सड़कों पर थे। इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, 'लगभग पांच सशस्त्र सैनिक वाहन से बाहर निकले और प्रदर्शनकारियों का पीछा किया। उन्होंने गोलियां चलाईं और कार की चपेट में आए युवकों को भी गिरफ्तार कर लिया।

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