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काबुल: भारत से 1.6 मीट्रिक टन जीवनरक्षक दवाओं की पहली खेप अफगानिस्तान पहुंचने के बाद तालिबान ने भारत की तारीफ करते हुए नई दिल्ली को शुक्रिया कहा है। साथ ही यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्ता बेहद महत्वपूर्ण है। भारत की ओर से भेजी गई सहायता में जीवन रक्षक दवाइयां हैं, जिन्हें शनिवार को एक विशेष विमान से नई दिल्ली से काबुल के लिए रवाना किया गया। भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई ने कहा कि इस सहायता से मुश्किल की घड़ी में अफगानिस्तान में कई परिवारों की मदद होगी।

मामुन्दजई ने ट्वीट किया, ''सभी बच्चों को थोड़ी मदद की जरूरत होती है, कुछ आशा और उनमें कोई विश्वास करे। चिकित्सा सामग्री की पहली खेप भारत से आज सुबह काबुल आई। 1.6 मीट्रिक टन जीवनरक्षक दवाओं से मुश्किल की घड़ी में बहुत से परिवारों की मदद होगी। भारत के लोगों का उपहार।'' एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ''अपने उपकार करने वालो के साथ जो साधुता बरतता है, उसकी तारीफ नहीं है। महात्मा तो वह है जो अपने साथ बुराई करने वालो के साथ भी भलाई करे।

वाशिंगटन: अमेरिका के पांच राज्यों में रात भर दर्जनों विनाशकारी बवंडर आए, जिसके चलते शनिवार को 80 से अधिक लोगों की मौत हो गई। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इसे इतिहास के सबसे बड़े तूफानों में से एक बताया है। बाइडन ने टेलीविजन पर अपनी एक टिप्पणी में कहा कि यह एक त्रासदी है और हम अभी भी नहीं जानते हैं कि कितने लोगों की जान चली गई। खोज और बचाव अधिकारी अमेरिका के गढ़ में नागरिकों को उनके घरों और व्यवसायों के मलबे में जीवित बचे अन्य लोगों की तलाश में मदद कर रहे थे।

माना जा रहा है कि अकेले केंटकी में 70 से अधिक लोग मारे गए। उनमें से कई मोमबत्ती कारखाने में काम करते थे, जबकि इलिनोइस में अमेजन गोदाम में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई थी, जहां पर वे लोग रात की पारी में क्रिसमस को देखते हुए ऑर्डर तैयार कर रहे थे। केंटकी के गवर्नर एंडी बेशियर ने कहा, "यह घटना केंटकी के इतिहास में सबसे खराब, सबसे विनाशकारी और सबसे घातक टॉरनेडो है।" उन्होंने कहा कि उन्हें डर है कि हम 100 से अधिक लोगों को खो देंगे।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को इंटरनेट मीडिया और क्रिप्टोकरेंसी पर मान्य अंतरराष्ट्रीय नियम बनाने की जरूरत बताई। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की मेजबानी में आयोजित डेमोक्रेसी समिट को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने न सिर्फ भारत में लोकतंत्र की बेहद गहरी जड़ों के बारे में बताया बल्कि लोकतंत्र को और ज्यादा सफल बनाने का मंत्र भी दिया। उन्होंने कहा कि भारत के नागरिकों और यहां के समाज में लोकतंत्र की मूल भावना का वास है जो इसकी सफलता का कारण है।

प्रधानमंत्री मोदी ने हाल के दिनों में कई बार इंटरनेट मीडिया और अत्याधुनिक तकनीक के बढ़ते खतरे को लेकर आगाह किया है। एक दिन पहले भी डेमोक्रेसी समिट में शामिल होने वाले 12 शीर्ष देशों के प्रमुखों के साथ हुई बैठक में मोदी ने टेक्नोलोजी कंपनियों से आग्रह किया था कि वे लोकतंत्र को मजबूत बनाने में मदद करें। शुक्रवार को विश्व के 110 देशों के सामने अपने विचार रखते हुए मोदी ने कहा कि हमें मिलकर उभरती हुई टेक्नोलोजी जैसे इंटरनेट मीडिया और क्रिप्टोकरेंसी पर वैश्विक नियम बनाने चाहिए।

बीजिंग: बीजिंग में 2022 में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक से पहले चीन को एक और झटका लगा है। अमेरिका, ग्रेट ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बाद अब कनाडा ने भी चीन की राजधानी बीजिंग में आयोजित होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों के राजनयिक बहिष्कार का एलान किया है। इसे लेकर अब ड्रैगन की तरफ से गुस्सा जाहिर किया गया है। चीन ने गुरुवार को कहा कि जिन चार देशों ने बीजिंग ओलंपिक का बहिष्कार किया है, उन्हें कीमत चुकानी पड़ेगी।

अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने पहले ही बहिष्कार का एलान किया था। वहीं, ग्रेट ब्रिटेन और कनाडा ने बुधवार को इसकी घोषणा की। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से इसकी जानकारी दी। ट्रूडो ने कहा कि चीन में लगातार हो रहे मानवाधिकार के उल्लंघन से कनाडा काफी चिंतित है। इसके विरोध में हम विंटर गेम्स में किसी भी राजनयिक प्रतिनिधि को नहीं भेजेंगे।

कनाडा से पहले ब्रिटेन ने भी बहिष्कार का एलान किया था। उन्होंने कहा था कि हमारे देश से कोई भी राजनयिक चीन नहीं जाएंगे।

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