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जिनेवा: दुनियाभर में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले ताबड़तोड़ तरीके से बढ़ रहे हैं। हालांकि, ओमिक्रॉन वेरिएंट को डेल्टा स्ट्रेन के मुकाबले कम गंभीर बताया जा रहा है, जो दुनियाभर में लाखों मौतों का कारण बना था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर चेतावनी दी है। डब्ल्यूएचओ ने गुरुवार को कहा कि ओमिक्रॉन दुनियाभर में लोगों की जान ले रहा है और इसे हल्का समझकर नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने कहा कि रिकॉर्ड संख्या में लोग नए वेरिएंट के शिकार हो रहे हैं- कई देशों में इसकी रफ्तार डेल्टा वेरिएंट से भी तेज है- इसका अर्थ है कि अस्पताल तेजी से भर रहे हैं।

टेड्रोस ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "ओमिक्रॉन डेल्टा की तुलना में कम गंभीर जरूर लग रहा हो, खासकर टीका ले चुके लोगों में। हालांकि, इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है इसे हल्के वेरिएंट के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए।"

स्टॉकहोम: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी कि दुनिया भर में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामले एक नए और अधिक खतरनाक वैरिएंट को जन्म दे सकता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमिक्रॉन दुनियाभर में आग की तरह फैल चुका है, हालांकि इससे पहले ओमिक्रॉन को कम गंभीर माना जा रहा था और यह भी कहा जा रहा था कि इस नए वैरिएंट से जीवन सामान्य की ओर बढ़ रहा है। लेकिन डब्ल्यूएचओ के वरिष्ठ अधिकारी कैथरीन स्मॉलवुड ने चेतावनी दी कि सावधानी नहीं बरती तो संक्रमण की बढ़ती दर दुनिया में विपरीत प्रभाव डाल सकती है।

डब्ल्यूएचओ के वरिष्ठ आपात अधिकारी कैथरीन स्मॉलवुड ने एक इंटरव्यू में कहा कि जिस रफ्तार से ओमिक्रॉन बढ़ रहा है, उतना ही यह प्रसारित हो रहा है। इसलिए इस बात की संभावना भी बहुत ज्यादा है कि यह कोरोना के एक नए और बेहद खतरनाक वैरिएंट को जन्म भी दे सकता है। हालांकि अब तक ये सामने आया है कि डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले ओमिक्रॉन मरीज की मौत का कारण कम बन रहा है लेकिन कौन कह सकता है कि अगला वेरिएंट क्या करे?

नई दिल्ली: नए साल पर ताइवान ने चीन को नसीहत दी है। ताइवान ने चीन से कहा है कि आजादी अपराध नहीं है। तानाशाही के खिलाफ लोकतंत्र की जंग होगी। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने शनिवार को बताया कि चीन की तरफ से मिलिट्री और डिप्लोमैटिक दबाव की वजह से ताइवान को अपनी आजादी और प्रजातंत्र को लेकर काफी दबाव का सामना करना पड़ा है।

नए साल के मौके पर अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति ने कहा, 'प्रजातंत्र और आजादी के लिए काम-काज करना अपराध नहीं। हॉन्ग कॉन्ग के समर्थन में ताइवान की स्थिति नहीं बदलेगी। अपनी चिंताओं को जाहिर करने के बावजूद मुश्किल से हासिल की गई अपनी आजादी और प्रजातंत्र को लेकर हम काफी गंभीर हैं और इसे एन्जॉय भी करते हैं।'

ताइवान की राष्ट्रपति ने चीन का नाम लेकर कहा कि हम ताइवान को पहले से भी बेहतर बनाएंगे। हम दुनिया को यह दिखा देंगे कि प्रजातांत्रिक ताइवान में हौसला है कि वो सत्तावादी चीन के छाया से बाहर निकल कर और भी बेहतर बन सकता है और अब हम दबाव झेल सकते हैं।

नई दिल्ली: दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने दुनिया को चिंता में डाल दिया है। भारत में भी सतर्कता बरती जा रही है। वहीं कोरोना जैसे वायरस से बचाव के लिए वैक्सीनेशन का काम तेजी पर है। इस बीच डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि टीके अभी भी प्रभावी साबित हो रहे हैं। स्वामीनाथन ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा, "जैसा कि अपेक्षित था, टी सेल की इम्यूनिटी ओमिक्रॉन के खिलाफ बेहतर है। यह हमें गंभीर बीमारी से बचाएगा। कृपया टीका लगवाएं।

स्वामीनाथन ने बुधवार को डब्ल्यूएचओ की प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि वैक्सीन की प्रभावशीलता दो टीकों के बीच थोड़ी भिन्न होती है, हालांकि डब्ल्यूएचओ के सभी आपातकालीन लिस्टेड सूची के अधिकतर टीकों में सुरक्षा की उच्च दर होती है और टीका कम से कम डेल्टा संस्करण जैसी गंभीर बीमारी में मृत्यु से बचाता है।

उन्होंने कहा कि बायोलॉजिकल फैक्टर भी एक टीके की प्रभावशीलता तय करते हैं। इनमें उम्र और बीमारियां शामिल हैं।

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