गुवाहाटी: असम के तीन बार मुख्यमंत्री रहे तरुण गोगोई का सोमवार शाम को निधन हो गया। गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में पिछले तीन दिनों से वह लगातार जीवनरक्षक प्रणाली पर थे। रविवार को उनके स्वास्थ्य में सुधार के कुछ संकेत दिखाई दिए थे, लेकिन शनिवार सुबह हालत बिगड़ने के बाद जान नहीं बचाई जा सकी। तरुण गोगोई कोविड-19 से अक्टूबर में उबर गए थे, लेकिन बीमारी के बाद की जटिलताओं ने उन्हें घेर लिया था। इस कारण वह करीब तीन माह से अस्पताल में थे। पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के निधन के बाद राज्य के मौजूदा सीएम सर्बानंद सोनोवाल ने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए और वह गुवाहाटी पहुंच रहे हैं।
86 साल के तरुण गोगोई शनिवार को बेसुध हो गए थे, तब से उन्हें लाइफसपोर्ट पर रखा गया था। इससे पहले सोमवार सुबह तरुण गोगोई के बेटे और कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा था कि राज्य के और देश के कई बड़े नेता अस्पताल में उनके परिवार से मुलाकात कर उनके पिता का हालचाल लिया था।
बेहद भावुक गौरव ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई बड़े नेताओं ने उनके पिता का हालचाल जाना। उन्होंने कहा, मेरे पिता करीब तीन माह से अस्पताल में रहे। डॉक्टरों का कहना है कि जिस तरह का साहस मेरे पिता ने दिखाया है, वैसा तो बहुत सारे युवा भी नहीं दिखा पाते।"
असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने सोमवार सुबह कहा था कि तरुण गोगोई के अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, दिमाग को कुछ संकेत मिल रहे थे। पेसमेकर लगाये जाने के बाद उनका दिल काम कर रहा था। इसके अलावा कोई अंग काम नहीं कर रहा। गोगोई का रविवार को छह घंटे तक डायलिसिस हुआ था, लेकिन यह दोबारा विषाक्त चीजों से भर गया है। लेकिन ऐसी हालत नहीं थी कि उनका डायलिसिस दोबारा किया जा सके।
तरुण गोगोई के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया है। उन्होंने कहा, ''श्री तरुण गोगोई जी एक लोकप्रिय नेता और एक वयोवृद्ध प्रशासक थे, जिन्हें असम के साथ-साथ केंद्र में भी राजनीतिक अनुभव था। उनके निधन से दुखी हूं। दुख की इस घड़ी में मेरे विचार उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति।''