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गुवाहाटी: असम सरकार ने शनिवार को दावा किया कि कई वास्तविक भारतीय राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची से छूट गये है लेकिन उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उनके पास विदेशी न्यायाधिकरण (एफटी) में अपील करने का विकल्प उपलब्ध है। असम के संसदीय कार्य मंत्री चन्द्रमोहन पटवारी ने मीडिया से कहा कि सरकार एनआरसी सूची में स्थान नहीं पाने वाले भारतीय नागरिकों को कानूनी मदद उपलब्ध करायेगी।

पटवारी ने कहा, ‘‘एक बात निश्चित है कि कई वास्तविक भारतीय एनआरसी में छूट गये है। हालांकि उन्हें घबराने और चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। वे एफटी में अपील कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एनआरसी में स्थान नहीं पाने वास्तविक भारतीयों को यदि न्यायाधिकरण में अपील करने में मदद की जरूरत होगी तो सरकार उनकी मदद करने के लिए तैयार है।’’ असम सरकार के प्रवक्ता पटवारी ने कहा, ‘‘हमने एफटी की संख्या 100 से बढ़ाकर 300 की है। अतिरिक्त एफटी सोमवार से कार्य करना शुरू देंगे ताकि लोग वहां संपर्क कर सके।’’

जब उनसे ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) के उस आरोप के संबंध में पूछा गया जिसमें कहा गया था कि सरकार की निष्क्रियता के कारण कई लोग एनआरसी से छूट गये, तो मंत्री ने कहा कि पूरी प्रक्रिया उच्चतम न्यायालय की सीधी निगरानी में पूरी की गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘इस पूरी कवायद में हमारी भूमिका साजो सामान उपलब्ध कराने की थी। हमारी कोई अन्य भूमिका नहीं थी। यहां तक कि एनआरसी के राज्य समन्वयक सीधे उच्चतम न्यायालय को रिपोर्ट कर रहे थे और हमारे साथ कोई जानकारी साझा नहीं की गई थी।’’

उल्लेखनीय है कि असम में बहुप्रतीक्षित एनआरसी की अंतिम सूची शनिवार को ऑनलाइन जारी कर दी गई। एनआरसी में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन दिया था। इनमें से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया है।

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