गुवाहाटी: असम में नागरिकता रजिस्टर पर ममता बनर्जी का विरोध पार्टी पर भारी पड़ रहा है। ममता के रुख़ के विरोध में असम के तृणमूल कांग्रेस कमेटी के प्रमुख द्विपेन पाठक ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया। इसके साथ प्रदीप पचानी और दिगंता सैकिया ने भी ये कहते हुए पार्टी छोड़ दी कि वे उस पार्टी में नहीं बने रहना चाहते हैं जो मूल असमी लोगों की पहचान से समझौता करना चाहती है। दूसरी ओर असम में एनआरसी का आखिरी मसौदा जारी होने के बाद से पड़ोसी राज्यों से अवैध नागरिकों के आने के ख़तरे से मणिपुर सतर्क हो गया है।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा है कि सरकार हाईअलर्ट पर है और अवैध लोगों को राज्य में दाखिल होने से रोकने के लिए राज्य और ज़िला स्तर पर मॉनिटरिंग कमेटी बनाई गई है। बीरेन सिंह के मुताबिक मणिपुर पर स्थानीय आबादी के मुकाबले बाहरी लोगों की तादाद ज्यादा होने का ख़तरा मंडरा रहा है।
वहीं दिल्ली में अवैध रुप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को वापस भेजने की मांग को लेकर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार से लेकर गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिखी है।
आपको बता दें कि अवैध नागरकों के मुद्दे पर राजनीतिक दलों के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। तृणमूल सांसदों के एक दल को असम के सिलचर एयरपोर्ट पर रोका गया और इसके बाद देर शाम उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया। टीएमसी के 6 सांसद और 2 एमएलए हिरासत में लिए गए हैं। वे नागरिक रजिस्टर के मुद्दे पर सिलचर में एक सभा करना चाहते थे। उन्हें एयरपोर्ट से निकलने नहीं दिया गया।