नई दिल्ली: नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) में असम के 40 लाख लोगों को बाहर किए जाने के बाद से मुद्दा और गरमा गया है। असम के सिलचर एयरपोर्ट पर तृणमूल कांग्रेस के आठ नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। इनमें से छह सांसद और दो विधायक शामिल हैं। इसके साथ ही टीएमसी नेताओं का आरोप है कि उनकी पीटा भी गया है। सिलचर में एक सम्मेलन में शामिल होने जा रहा टीएमसी का आठ सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल गुरुवार दोपहर तकरीबन दो बजे एयरपोर्ट पहुंचा था।
बताया जा रहा है कि ये सभी नेता नौगांव और गुवाहाटी भी जाने वाले थे। जिन छह सांसदों को हिरासत में लिया गया है, उनमें सुखेंदू शेखर रे, काकोली घोष, रत्ना दे नाग, नादीमुल हक, अर्पिता घोष और ममता ठाकुर का नाम शामिल है। इसके अलावा बंगाल के शहरी विकास मंत्री फिरहद हकीमत और विधायक महुआ मोइत्रा भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं। शेखर रे ने बताया कि जैसे ही हम सिलचर एयरपोर्ट के लॉन्ज में पहुंचे, वैसे ही पुलिस अधिकारियों की टीम ने हमें रोक लिया। एक पुलिस अधिकारी ने मेरे सीने पर मारा भी।
इसके अलावा पुलिस ने काकोली घोष, ममता बाला ठाकुर और महुआ से बद्तमीजी भी की। वहीं, लोकसभा सांसद घोष ने कहा, 'पुलिस ने हमारे फोन्स को भी छीन लिए। शेखर रे समेत कईयों के साथ हाथापाई भी की। रे ने आगे कहा कि हम यहीं बैठे रहेंगे और यहां से वापस नहीं जाने वाले।' टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि यह सुपर इमरजेंसी जैसे हालात हैं। हमारे प्रतिनिधि मंडल को सिलचर एयरपोर्ट पर रोक लिया गया। लोगों से मुलाकात करने का हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है।