गुवाहाटी: राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में भ्रूण हत्या के चलते लड़कियों की संख्या कम है। इसके चलते बड़ी संख्या में युवकों की शादी नहीं हो पा रही। शादी के लिए लड़कियां नाकाफी हुईं तो लोग खरीद कर लाने लगे। यह सिलसिला दिनोंदिन बढ़ रहा है और घर बसाने के लिए दूसरे राज्यों की लड़कियों की खरीद-फरोख्त हो रही है। शादी नहीं होने के कारण अब मानव तस्करी के जरिए ऊंची कीमत पर लड़कियां खरीदी जा रही है। पिछले एक साल में अकेले चूरू जिले में ऐसे ही करीब एक दर्जन मामले सामने आ चुके हैं। जो मामले उजागर नहीं हुए हैं उनकी संख्या इनसे कई गुना अधिक बताई जा रही है।
इसी कड़ी में मंगलवार को फिर चूरू जिले में मानव तस्करी का मामला सामने आया है। चाइल्ड हेल्प लाइन और मानव तस्कर विरोधी यूनिट ने कार्रवाई करते हुए असम की 15 साल की बालिका को गांव आसलखेडी से रेस्क्यू किया है। इस नाबालिग को दलालों ने असम से अगवा किया था आैर चूरू जिले के गांव आसलखेड़ी में बेच दिया था। चूरू एसपी राहुल बारहट को सूचना मिलने के बाद चाइल्ड हेल्प लाइन और मानव तस्कर विरोधी यूनिट ने बालिका को रेस्क्यू कर उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया।
बाल कल्याण समिति ने काउंसलिंग के बाद बालिका को बालिका आश्रय गृह भिजवाने के आदेश दिये हैं।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष ने बताया कि इस संबंध में असम में एफआईआर पहले से ही दर्ज है। नाबालिग को यहां लाकर पवन सिंह नाम के शख्स को बेचा गया। उसने बालिका से जबरन शादी भी की। बालिका का राजकीय भरतिया अस्पताल में मेडिकल बोर्ड से मेडिकल करवाया गया है।
बता दें कि राजस्थान का चुरू जिला उन जिलों में से है जहां लड़कियाें की संख्या लड़कों की तुलना में बहुत कम है। साल 2011 की जनगणना के अनुसार चूरू में एक हजार लड़कों पर महज 888 लड़कियां ही हैं। ऐसे में कुंवारों के लिए मानव तस्करी से जुड़े गिरोह लड़कियों की खरीद फरोख्त करते हैं। मानव तस्करी के खिलाफ काम करने वाले एक एनजीओ की माने तो चूरू जिले में अब तक असम और मेघालय की दर्जनों बालिकाओं की खरीद फरोख्त हो चुकी है। खुद पसंद कर खरीदते हैं लड़कियां मानव तस्करी के खिलाफ काम करने वाले एक एनजीओ की माने तो चूरू जिले में सामने आए करीब आधा दर्जन मामलों में असम, मेघालय आदि इलाकों से लड़कियों को खरीद कर लाया गया है। युवक दूसरे राज्यों में जाते हैं और लड़की को उनके घरवालों को मोटी रकम देकर खरीदकर या किसी मानव तस्करी से जुड़े गिरोह के जरिए लाते हैं।
15-16 साल की लड़कियां बनती हैं शिकार
नाबालिग लड़कियां मानव तस्करी और खरीद-फरोख्त का अधिक शिकार होती है। दूसरे राज्यों से 2 से 3 लाख रुपये में परिजन उन्हें बेच देते हैं और वहीं से उनका नारकीय जीवन शुरू हो जाता है। राजस्थान में पहुंचते-पहुंचते उनका शारीरिक शोषण भी होता है और जब तक सही खरीदार नहीं मिलता ज्यादतियां जारी रहती हैं। चूरू जिला राजस्थान के उन जिलों में से एक है जहां लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में बहुत कम है। यहां 2011 की जनगणना के अनुसार एक हजार लड़कों पर महज 888 लड़कियां ही हैं। ऐसे में काफी लड़कों की शादी नहीं हो पाती। ऐसे कुंवारों के लिए मानव तस्करी से जुड़े गिरोह लड़कियों की खरीद फरोख्त करते हैं। वर्तमान सरकार ने हाल ही में दावा किया था कि लिंगानुपात अब सुधर गया है और प्रति हजार लड़कों पर 923 लड़कियां हैं। लेकिन हालात बदलने में अब भी बहुत समय लगना है।
इन दो मामलों ने फिर आंखें खोली। सरदारशहर और तारानगर थानों में दर्ज इन दोनों मामलों में 8 नामजद सहित 10 लोगों के खिलाफ पोक्सो के तहत केस दर्ज किए गए हैं। ये दोनों ही लड़कियां असम की रहने वाली हैं जिनका सौदा कर यहां लाया गया था। चाइल्ड हैल्प लाइन द्वारा आरोपियों पर अपहरण, मानव तस्करी और दुष्कर्म के मामले दर्ज करवाए गए हैं।
50 साल के पप्पू ने 2 लाख में खरीदी 16 साल की लड़की
17 अगस्त 2017 को असम के गांव अलीसिंगा की एक किशोरी को उसके मां-बाप ने बेच दिया। इस किशोरी की उम्र 16 साल है और उसको खरीदने वाला तीन गुना बड़ा यानि 50 साल की उम्र का पप्पू है। आरोपी पप्पू असम में कथित शादी के बाद सरदारशहर तहसील के गांव पातलीसर बड़ा ले आया, जहां पांच दिनों तक आरोपी ने बालिका से दुष्कर्म किया। चाइल्ड लाइन को सूचना मिलने पर 23 अगस्त को बालिका का रेस्क्यू किया गया। बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किए जाने के बाद किशोरी को आश्रय गृह में भिजवाने के आदेश दिए गए।
15 साल की लड़की का अपहरण कर दिल्ली में बेचा
इस केस में असम के दरंग जिले की टंगला तहसील के कालीखोला गांव की एक 15 साल की नाबालिग लड़की मानव तस्करी गिरोह की शिकार हुई। उसका असम के तीन लोगों ने नशीला पदार्थ सुंघाकर अपहरण किया। उसे ट्रेन से गुवाहाटी लाया गया और फिर बेहोशी की हालत में दिल्ली लाकर बेच दिया गया। दिल्ली से उसे चूरू जिले के तारानगर तहसील के एक खेत में लाकर 2 दिन तक मारपीट कर बंधक बनाकर रखा गया। उसे वहां बेचने के लिए लाया गया था। लेकिन वहीं पर अज्ञात आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया गया। जब रात को नशे में धुत्त आरोपी सो था तब लड़की मौका पाकर बच निकली। एक स्थानीय महिला की मदद से वह पुलिस स्टेशन पहुंची। वह अब बालिका आश्रय गृह में रह रही है।