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वाराणसी: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को केन्द्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला। बनारस में कांग्रेस कार्यकर्ता समागम में उन्होंने कहा कि आजादी से पहले ब्रिटिश सरकार की तानशाही थी जिसमें गरीबों को सताया और प्रताड़ित किया जाता था। आजकल वही हालात देश में हैं। जनता की आवाज सुनी नहीं, दबाई जा रही है। फर्क सिर्फ इतना है कि वर्तमान तानाशाह भारतीय हैं। कबीरचौरा स्थित सरोजा पैलेस के सभागार में आयोजित कार्यकर्ता समागम में प्रियंका गांधी ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बिना नाम लिए निशाना साधा। केन्द्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया। कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहें।

प्रियंका गांधी ने कहा कि बनारस से एक बड़ी लड़ाई लड़नी है। यह लड़ाई आजादी की लड़ाई से भी बड़ी होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों की आवाज दबाई जा रही है। लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी है कि सबकी आवाज सुनी जाए। कांग्रेस कार्यकताओं की बैठक में वे शिकायतें सुनती हैं। उन्हें अपनी आवाज उठाने का मौका मिलना चाहिए।

 

अभी चल रही है प्रचार की राजनीति

प्रियंका गांधी ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश में सत्य की राजनीति शुरू करना चाहती हैं। अभी प्रचार की राजनीति चल रही है। प्रचार की राजनीति सरल होती है। ऐसी राजनीति होनी चाहिए, जिसमें जनता का महत्व हो। जिस पार्टी के पास पैसा है, वह प्रचार में आगे है। उन्होंने कहा, मैं भाषण देने नहीं आई हूं। जनता के दु:ख-दर्द सुनने आई हूं। उनकी पीड़ा और समस्या को जानने आई हूं।

कांग्रेस नेत्री बोलीं, हम बड़े-बड़े वादे नहीं करते हैं। बड़े-बड़े वादे करना आसान है। राजनीति में हमारा यह मकसद नहीं है। प्रियंका गांधी ने बताया कि वह गंगा के रास्ते, सड़क से, रेल से या जो भी माध्यम संभव होगा, उससे जनता के पास पहुंचेंगी।

प्रियंका गांधी ने बीएचयू में छात्राओं की पिटाई का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जब छात्राओं ने अपनी आवाज उठाई तो उन्हें पीटा गया। उनके अभिभावकों से लिख कर लिया गया कि वे धरना-प्रदर्शन में भाग नहीं लेंगी। उन्होंने कहा कि यह कैसा भेदभाव कि छात्राओं को धरना-प्रदर्शन में भाग लेने से रोका जा रहा है। पुरुष और महिला, सभी को विरोध और असहमति प्रकट करने का अधिकार है।

एक भी वादा पूरा नहीं

अपने संबोधन के दौरान प्रियंका ने भाजपा के सन-2014 के घोषणा पत्र को दिखाया। लोगों से पूछा कि इनमें कितने वादे पूरे हुए। बुनकरों की स्थिति कितनी खराब है। दो करोड़ रोजगार का वादा नहीं पूरा हुआ। गरीबों को रोजगार देने वाले मनरेगा को समाप्त किया जा रहा है। विरोध में आवाज नहीं उठाने दिया जा रहा है।

गंगा है उदारता का प्रतीक

कांग्रेस महासचिव ने कहा, उनसे पूछा जा रहा है कि वह गंगा के रास्ते क्यों आ रही हैं। उन्होंने बताया कि गंगा उदारता की प्रतीक हैं। भारतीय संस्कृति की प्रतीक हैं। सभी को साथ लेकर चलने का संदेश देती हैं। धर्म और जाति की भेद नहीं करती। कांग्रेस की विचारधारा भी यही है। इसलिए वे गंगा के रास्ते आईं हैं। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान संगठन को बूथ स्तर से मजबूत करने पर जोर दिया।

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