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सूरत: लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का खाता खुलना लगभग तय माना जा रहा है। सूरत लोकसभा सीट से बीजेपी के मुकेश दलाल का निर्वाचित होना तय माना जा रहा है। दरअसल, कांग्रेस प्रत्‍याशी का नामांकन रद्द हो गया है। वहीं अन्य उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल ने रविवार को आरोप लगाया कि सूरत लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार का नामांकन पत्र भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर खारिज किया गया।

सूरत लोकसभा सीट पर निर्दलीय समेत 8 में से 7 उम्मीदवारों ने अपने फॉर्म वापस ले लिए थे। बाद में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी प्यारेलाल के गायब होने के बाद कलेक्टर कार्यालय में उपस्थित होकर नामांकन पत्र वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

निर्वाचन अधिकारी सौरभ पारधी ने अपने आदेश में कहा कि कुंभाणी और पडसाला द्वारा सौंपे गए चार नामांकन फॉर्म को प्रस्तावकों के हस्ताक्षरों में प्रथम दृष्टया विसंगतियां पाए जाने के बाद खारिज कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि ये हस्ताक्षर असली नहीं लग रहे हैं। आदेश में कहा गया कि प्रस्तावकों ने अपने हलफनामों में कहा है कि उन्होंने फॉर्म पर खुद हस्ताक्षर नहीं किए हैं।

इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए कांग्रेस के वकील बाबू मंगुकिया ने कहा, ‘‘नीलेश कुंभाणी और सुरेश पडसाला के नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए हैं। चार प्रस्तावकों ने कहा है कि फॉर्म पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं।'' उन्होंने कहा कि अब उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे।

कांग्रेस ने बीजेपी पर बोला हमला

इस घटनाक्रम को ‘लोकतंत्र की हत्या' करार देते हुए गोहिल ने कहा कि प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में कथित विसंगतियों को लेकर पार्टी उम्मीदवार नीलेश कुंभाणी का नामांकन पत्र रद्द करने के निर्वाचन अधिकारी के फैसले के खिलाफ कांग्रेस गुजरात उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेगी। कांग्रेस सूरत निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव मैदान से बाहर हो गई है, क्योंकि सूरत से पार्टी के वैकल्पिक उम्मीदवार सुरेश पडसाला का नामांकन पत्र भी अमान्य कर दिया गया है।

नामांकन रद्द को कांग्रेस ने बताया गलत

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि नामांकन पत्र जमा करने के बाद केवल इस दावे पर नामांकन फॉर्म रद्द नहीं किया जा सकता है कि फॉर्म में प्रस्तावकों के हस्ताक्षर उनके नहीं हैं। निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, प्रस्तावकों ने अपने हलफनामे में कहा कि उन्होंने फॉर्म पर खुद हस्ताक्षर नहीं किए हैं। गोहिल ने यह भी दावा किया कि 2022 के चुनावों में सूरत-पूर्व विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार का नामांकन पत्र रद्द नहीं किया गया था, भले ही दो प्रस्तावकों ने दावा किया था कि उन्होंने उनके नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए थे। कांग्रेस गुजरात में 26 में से 24 सीट पर चुनाव लड़ रही है, जबकि सीट-बंटवारे के समझौते के तहत दो निर्वाचन क्षेत्र आम आदमी पार्टी को आवंटित किए गए हैं।

भावनगर सीट पर भी हुआ था विवाद

भावनगर लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार उमेश मकवाणा और अमरेली लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार जेनी थुम्मर के नामांकन दोनों पक्षों को सुनने के बाद संबंधित निर्वाचन अधिकारियों द्वारा स्वीकार कर लिए गए। भाजपा ने दोनों उम्मीदवारों के फॉर्म पर आपत्ति जताते हुए दावा किया था कि उन्होंने अपने फॉर्म के साथ जमा किए गए हलफनामे में कुछ विवरण छिपाए हैं।

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