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अहमदाबाद: गुजरात के मोरबी में पुल गिरने से 130 लोगों की मौत के एक दिन बाद, पुल की मरम्मत करने वाली कंपनी ओरेवा के 2 अधिकारियों सहित 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी की पुष्टि राजकोट रेंज के आईजी अशोक यादव ने की है। उनका कहना है कि सभी आरोपियों की कोविड जांच के बाद गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों का कहना है कि वे ओरेवा के मध्य स्तर के कर्मचारी हैं। जानकारी यह भी है कि कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी पुल त्रासदी के बाद से लापता हैं।

कंपनी ओरेवा को कई खामियों के लिए दोषी ठहराया जा रहा है, जिसमें फिटनेस प्रमाणपत्र लेने में कथित विफलता और समय से पहले पुल को फिर से खोलना शामिल है। बता दें कि गुजरात के मोरबी में रविवार शाम ब्रिटिश कालीन सस्पेंशन ब्रिज पर लगभग 500 लोग पहुंचे हुए थे। अचानक ब्रिज टूटता है और लोग नदी में गिरने लगते हैं। हादसे में कम से कम 130 लोगों की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार यह ब्रिज लोगों के भारी दबाब के कारण टूटा है। इस बात की जानकारी फॉरेंस‍िक सूत्रों ने दी है।

जानकारी के अनुसार मच्छु नदी पर बने इस पुल पर 100-150 लोगों के आने की क्षमता थी।

हादसे के दिन यानी रविवार को इस पुल पर क्षमता से 5 गुना ज्यादा लोग सवार थे। 100 लोगों की क्षमता वाले पुल पर 400-500 लोग आ गए थे। यह पुल करीब एक सदी पुराना था और मरम्मत एवं नवीनीकरण कार्य के बाद इसे आमजन के लिए पांच दिन पहले ही खोला गया था। गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने मोरबी में संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है।

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अंग्रेज़ों के समय का यह ‘‘हैंगिंग ब्रिज'' जिस समय टूटा, उस समय उस पर कई महिलाएं और बच्चे मौजूद थे। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि कुछ लोगों को पुल पर कूदते और उसके बड़े तारों को खींचते हुए देखा गया। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पुल उस पर ‘‘लोगों की भारी भीड़'' के कारण टूट कर गिर गया हो।

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