नई दिल्ली: गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी ने असम पुलिस की तरफ से अपनी गिरफ्तारी मामले में अब केंद्र सरकार पर हमला बोला है। महिला पुलिसकर्मी से छेड़छाड़ के मामले में भी अदालती आदेश के बाद जिग्नेश मेवाणी जेल से बाहर आ गए हैं। जिग्नेश ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएमओ में बैठे कुछ भक्तों के द्वारा मेरे ऊपर एफआईआर की गई। मेवाणी ने कहा कि ये है 56 इंच की कायरता, ये है 56 इंच की बुजदिली, जो मेरे खिलाफ अधिकारियों ने एक महिला का इस्तेमाल फर्जी मामला दर्ज करने के लिए किया। जेल से बाहर आते ही उन्होंने केंद्र सरकार और भाजपा पर जमकर हमला बोला है। सोमवार को कांग्रेस दफ्तर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने एक बार फिर से पुष्पा स्टाइल में इशारा करते हुए कहा कि फ्लावर नहीं, फायर है, झुकेगा नहीं।
मेवाणी ने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि गुजरात में पेपर लीक, बड़ी ड्रग्स की बरामदगी आदि के मामले में कोई जाँच नहीं हुई, पूछताछ नहीं। एक महिला भाजपा मंत्री पर बलात्कार का आरोप लगाती है पर कोई एफआईआर नहीं, लेकिन एक ट्वीट पर मेरे ख़िलाफ़ एफआईआर और गिरफ़्तारी- ये क्या बताया है।
उन्होंने कहा, गोडसे का भक्त कहने पर अगर मिर्ची लगी है तो लाल क़िले पर चढ़ कर एक बार गोडसे मुर्दाबाद के वे नारे लगा दें। मेवाणी ने चेतावनी दी कि गुजरात सरकार ने अगर एक महीने के भीतर उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं की, तो एक जून से सूबे में सड़कों पर आंदोलन होगा।
जिग्नेश ने अपनी बात रखते हुए कहा कि कोर्ट ने कहा कि मुझ पर किसी तरह का मुकदमा बनता ही नहीं। जिग्नेश ने पूछा कि आखिर मैंने ट्वीट कर के कौन सा गुनाह किया। एक महिला को आगे कर दूसरी एफआईआर की गई। यहां तक कि मैंने तो अपने ट्वीट में सिर्फ शांति बहाली की बात की। लेकिन जो हुआ वो जगजाहिर है।
असम के बारपेटा जिले की एक अदालत द्वारा एक पुलिसकर्मी पर कथित हमले के मामले में गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को अदालत से जमानत मिल गई थी। जिसके बाद उन पर महिला पुलिसकर्मी से छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया। बाद में इस मामले में भी मेवाणी को कोर्ट से जमानत मिल गई। अब इस मामले पर जिग्नेश ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि उनके खिलाफ साजिश रची गई थी।