वड़ोदरा: बसपा प्रमुख मायावती ने समाज के कमजोर तबकों के वोटों के लिए बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के नाम का इस्तेमाल करने का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर शनिवार को आरोप लगाया और कहा कि भाजपा के ओबीसी एवं दलित नेता के 'पीएम' या 'सीएम' बन जान के बाद भी वे हमेशा ही आरएसएस के बंधुआ मजदूर बने रहेंगे।
मायावती ने मोदी के गृह राज्य में चुनावी बिगुल फूंकते हुए आरोप लगाया कि भाजपा आज भी जातिगत भेदभाव में यकीन रखती है। बसपा प्रमुख ने यह चेतावनी भी दी कि यदि हिंदू धार्मिक नेता दलितों के प्रति अपना रवैया नहीं बदलेंगे, तो वह और उनके समर्थक बौद्ध धर्म अपना लेंगे।
उन्होंने कहा कि यहां तक कि यदि भाजपा एक दलित या ओबीसी नेता को पार्टी प्रमुख या मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बना देती है, तो भी वे हमेशा ही जातिवादी और सांप्रदायिक आरएसएस के बंधुआ मजदूर बने रहेंगे। साथ ही पिछड़े वर्गों के लिए ज्यादा कुछ कर पाने में सक्षम नहीं होंगे। मायावती ने कहा, "यदि हिंदू संतों और शंकराचार्यों ने दलितों के प्रति अपना व्यवहार और रवैया नहीं बदला, तो मैं और मेरे समर्थक बौद्ध धर्म अपना लेंगे।"
बसपा गुजरात में इस साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनाव में अकेले चुनाव लड़ेगी और सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी।
बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने राज्य विधानासभा चुनाव में बसपा की तैयारियों के बारे में बताया कि पार्टी इस साल के अंत तक होने वाले चुनाव के लिये तैयार है और कल प्रचार अभियान की शुरुआत होगी। समान विचारधारा वाले दलों से चुनाव पूर्व गठबंधन करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बसपा अकेले चुनाव लड़ेगी।