अहमदाबाद: गुजरात में मंगलवार को होने वाला राज्यसभा चुनाव सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी पार्टी कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। भाजपा ने कांग्रेस की तरफ से मैदान में उतरे अहमद पटेल का रास्ता रोकने के तगड़ी रणनीति बनाई है। गुजरात में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मंगलवार को मतदान होगा। इन तीन सीटों में से दो सीट भाजपा को मिलनी तय हैं। असल झगड़ा तीसरी सीट को लेकर है। इस पर कांग्रेस के अहमद पटेल प्रमुख उम्मीदवार हैं। अहमद पटेल ने दावा किया है कि उनकी जीत पक्की है। राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद से ही नाटकीय राजनीतिक घटनाक्रम जारी हैं। पहले वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शंकरसिंह वाघेला ने पार्टी छोड़ी, फिर आधा दर्जन पार्टी विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। अंत में एनसीपी ने भी नाटकीय क्रम में कांग्रेस की सांसें फुलाईं। रविवार की रात एनसीपी ने मीडिया में बयान दिया कि उनकी पार्टी किसी की सहयोगी नहीं है। एनसीपी के इस नए रुख से कांग्रेस नेतृत्व हैरान रह गया। हालांकि सोमवार को कांग्रेस के लिए राहत की खबर आई। सूत्रों के मुताबिक, गुजरात राज्यसभा चुनाव में एनसीपी कांग्रेस को वोट देगी। प्रफुल्ल पटेल व्हिप जारी करेंगे। इतना ही नहीं प्रफुल्ल पटेल के गुजरात जाने के भी आसार हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव पटेल को जीतने के लिए 45 मत चाहिए। उनकी पार्टी के पास वर्तमान में 44 विधायकों का समर्थन प्राप्त है जो बेंगलुरु के समीप एक रिसॉर्ट में एक हफ्ते तक ठहरने के बाद लौटे हैं। आज सुबह लौटने पर उन्हें आणंद जिले के एक रिसॉर्ट में ठहराया गया है। इनमें से कोई भी अगर क्रॉस वोटिंग नहीं करता है या ‘उपयुक्त में से कोई नहीं’ (नोटा) विकल्प का प्रयोग नहीं करता है, उस स्थिति में भी कांग्रेस को पटेल की जीत सुनिश्चित करने के लिए एक अतिरिक्त मत की जरूरत होगी। गुजरात में कांग्रेस के 57 विधायक थे। जिनमें से 6 इस्तीफा दे चुके हैं। 44 विधायक बेंगलूरु से लौट आये है, जबकि 7 विधायक बेंगलूरु नहीं पहुंचे थे। माना जा रहा है कि वो भी बागी हैं। अहमद पटेल को जीत के लिए 45 वोट चाहिए। कांग्रेस एनसीपी के दो विधायकों और जदयू एवं गुजरात परिवर्तन पार्टी (जीपीपी) के एक-एक विधायक के समर्थन की उम्मीद कर रही है। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार एक प्रत्याशी को जीतने के लिए कुल मतों में से एक चौथाई और एक अतिरिक्त मत हासिल करना होगा यानि एक प्रत्याशी को 45 मत प्राप्त होने चाहिए। सदन में 121 विधायकों वाली भाजपा के दो उम्मीदवार आसानी से जीत हासिल कर सकते हैं। लेकिन पार्टी आंकड़ों के हिसाब से तीसरे प्रत्याशी के लिए उनके पास केवल 31 मत हैं। पार्टी सूत्रों ने बताया कि भाजपा ने अपने सभी विधायकों को गांधीनगर बुलाया था जहां उन्हें राज्यसभा में मतदान को लेकर दिशा-निर्देश दिए गये।