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गांधीनगर: गुजरात में गौहत्या करने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा. दोष सिद्ध होने पर उम्रकैद की सजा दी जाएगी। गुजरात विधानसभा में गौ हत्या संशोधन बिल पास हो गया है जिसके तहत गाय की हत्या करने वालों को अब उम्रकैद की सज़ा होगी। इसके साथ ही गाय की तस्करी करने वालों के लिए भी 10 साल की सज़ा का प्रावधान है। इतना ही नहीं नए कानून में जुर्माना राशि को भी दोगुना कर दिया गया है। अब इस कानून में एक लाख से पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा होगी। इस तरह का कानून बनाकर गुजरात देश का पहला राज्य बन गया है जहां गाय की हत्या करने पर उम्रकैद की सज़ा होगी। गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने कहा, गायों के संरक्षण की वजह से ये कदम उठाया गया है। नए कानून के अनुसार अगर गाय या गाय का मांस ले जाने के लिए किसी वाहन का इस्तेमाल किया जाता है तो यह संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध माना जाएगा। गौहत्या, गौमांस को गुजरात सरकार ने पहले से ही पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रखा था। यह सब गुजरात पशु संरक्षण अधिनियम 1954 को 2011 को संशोधित करने के बाद किया गया था। अब तक उस कानून के तहत ऐसे किसी मामले में दोषी पर 50,000 रुपए का जुर्माना और सात साल तक की सजा का प्रावधान था।

संशोधन विधेयक पेश करने से पहले गुजरात के गृहमंत्री ने अपने फेसबुक वॉल में गायों के साथ तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा कि आज मैं गौहत्या करने वालों के लिए उम्रकैद की सजा देने वाला सख्त कानून वाला संशोधन विधेयक विधानसभा में पेश करने जा रहा हूं। इस दौरान मैंने अपने निवास स्थान में अपनी गाय ‘गंगी’ और ‘राधा’ के साथ कुछ वक्त गुजारे। गौरतलब है कि 12 मार्च को मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने कहा था कि गाय को सुरक्षित रखने के लिए सरकार सख्त कानून लेकर आएगी। 2011 में नरेंद्र मोदी की सरकार ने राज्य में गौहत्या को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया था। उन्होंने गुजरात पशु संरक्षण अधिनियम 1954 कानून में संशोधन किया था। उल्लेखनीय है कि बीते छह सालों में हर साल 1000 मामले दर्ज होते हैं लेकिन लंबी कानूनी प्रक्रिया के चलते अभी तक किसी भी मामले में आरोपी को सजा नहीं हुई है।

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