अहमदाबाद: आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन करने वाले नेता हार्दिक पटेल और उनके 12 समर्थक एक दंगा मामले में पुलिस थाने में आत्मसमर्पण नहीं कर सके क्योंकि मामले में जांच अधिकारी शहर से बाहर थे। पटेल ने कल घोषणा की थी कि वह 12 अन्य लोग जिनका नाम दंगे और आगजनी के एक मामले में दर्ज एफआईआर में आया था, अपराध शाखा के दफ्तर में आज आत्मसमर्पण करेंगे। उन्हें अपने खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मामले में भी जमानत की शर्त के अनुरूप अपराध शाखा के दफ्तर में आज पेश होना था। सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) बी सी सोलंकी ने कहा, ‘‘जमानत की शर्त के मुताबिक, उन्हें हर सोमवार हमारे समक्ष पेश होना है। रामोल पुलिस ने भी हाल ही में उनके खिलाफ एक और मामला दर्ज किया है, जिसे बाद में अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया गया गया था, हार्दिक ने हमसे कहा कि उन्हें और अन्य को गिरफ्तार करें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, मामले में जांच अधिकारी अभी शहर में नहीं हैं, हमनें उनसे कहा कि हम इसे बाद में करेंगे।’’ रामोल पुलिस ने 20 मार्च को हार्दिक और 59 अन्य पटेल आरक्षण समर्थकों के खिलाफ वस्त्राल इलाके से भाजपा पाषर्द परेश पटेल के घर के बाहर प्रदर्शन करने पर दंगे और आगजनी का मामला दर्ज किया था।
रामोल के पुलिस निरीक्षक परेश सोलंकी ने कहा कि इस मामले में हमनें अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया है, और बाद में इसकी जांच शहर की अपराध शाखा को सौंप दी गयी थी।