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अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नोटबंदी फैसले के बाद और अगले साल गुजरात विधानसभा चुनावों के पहले भाजपा को मजबूती देते हुये पार्टी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में स्थानीय निकायों के चुनाव में 123 सीटों में 107 पर जीत हासिल की। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने जीत की सराहना करते हुए इसे मोदी के दो हालिया कदमों-एलओसी के पार लक्षित हमले और नोटबंदी को जनता का अनुमोदन बताया। पार्टी ने दो नगरपालिका और एक तालुक पंचायत पर कब्जा करने के साथ अन्य स्थानीय निकायों की ज्यादातर सीटें जीत ली। रविवार को मतदान हुआ था। भाजपा ने राज्य के विभिन्न भागों में हुए चुनावों में 123 सीटों में 107 पर कब्जा कर लिया। अगले साल विधानसभा चुनावों के पहले निराशाजनक प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस इस चुनाव में महज 16 सीटें जीत सकी। गुजरात राज्य चुनाव आयोग की ओर से जारी अंतिम परिणाम के मुताबिक, भाजपा ने वलसाड जिले की वापी नगरपालिका में जीत दर्ज की और कुल 44 में से 41 सीटों पर कब्जा जमाया । कांग्रेस के खाते में केवल तीन सीटें ही आ सकी। वापी नगरपालिका पर पूर्व में भाजपा का कब्जा था। इसी तरह सूरत के कनकपुर-कनसाड नगरपालिका चुनाव में भाजपा ने विरोधियों का करीब-करीब सफाया कर दिया और 28 में से 27 सीटों पर जीत दर्ज की। महज एक सीट पर कांग्रेस को जीत मिली। यहां पर भी पूर्व में भाजपा का ही कब्जा था। राजकोट में भाजपा ने गोंडाल तालुक पंचायत सीट जीत ली है और कुल 22 सीटों में से 18 पर कब्जा जमाया है। यहां पर मध्यावधि चुनाव हुआ था। कांग्रेस के खाते में केवल चार सीटें ही आयी। इससे पहले गोंडाल तालुक पंचायत पर कांग्रेस का कब्जा था। केंद्र की तरफ से 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के ठीक बाद होने वाले और अगले साल राज्य चुनाव के लिहाज से स्थानीय निकाय चुनावों के परिणाम को भाजपा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इन तीन जगहों पर चुनाव के अलावा गुजरात चुनाव आयोग ने विभिन्न नगरपालिकाओं, तालुक पंचायतों और जिला पंचायत की 29 सीटों पर उपचुनाव कराया। विभिन्न कारणों से रिक्त हुयी सीटों के लिए उपुचनाव कराया गया। विभिन्न नगरपालिकाओं की कुल 16 सीटों में भाजपा को 14 और कांग्रेस को केवल दो सीटें मिली। जिला पंचायतों की कुल चार सीटों में दोनों दलों ने दो-दो सीट पर जीत हासिल की। तालुक पंचायत उपचुनावों में भाजपा ने कुल नौ में पांच सीटें जीत ली, कांग्रेस के खाते में चार सीटें गयी। गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यह भाजपा की बड़ी सफलता है क्योंकि राज्य के अलग-अलग हिस्सों में चुनाव हुआ जहां विभिन्न समुदाय के लोग रहते हैं। इसलिए हम कह सकते हैं कि समाज के हर तबके ने भाजपा को स्वीकार लिया है।’ उन्होंने कहा, ‘गुजरात में भाजपा की जीत को मोदी के दो हालिया फैसले - एलओसी पार लक्षित हमले और तंत्र से कालाधन खत्म करने के लिए नोटबंदी कदम को लोगों के अनुमोदन के तौर पर देखा जा सकता है।’ भाजपा प्रवक्ता ने भरत पंड्या ने कहा कि यह वोट भाजपा के नोटबंदी फैसले और कालाधन के खिलाफ उठाए गए कदम को लेकर कांग्रेस के नकारात्मक रवैये के लिए है। गुजरात कांग्रेस ने अपनी हार मान ली और लोगों के लिए कठिन मेहनत करने का संकल्प लिया। विपक्षी दल ने भाजपा की जीत को तवज्जो नहीं देते हुए दावा भी किया कि लोगों के मनोभाव का ऐसे स्थानीय निकाय चुनावों के जरिए आकलन नहीं हो सकता।

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