रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गणतंत्र दिवस पर किसानों की 207 करोड़ रूपए की बकाया राशि माफ करने का ऐलान करते हुए कहा कि इससे राज्य के लगभग 15 लाख किसानों को राहत मिलेगी। बघेल ने आज राजधानी के पुलिस परेड ग्राउण्ड में वर्षों के बीच आयोजित मुख्य समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि रबी फसल लेने वाले किसानों को कोई तकलीफ नही हो इसलिए रबी के लिए बंद पड़ी सिंचाई सेवाओं को तत्काल प्रभाव से पुन: प्रारंभ करने का निर्णय भी लिया है।
उन्होने कहा किसानों को कर्ज के कुचक्र से मुक्ति दिलाए बिना उनकी और गांवों की स्थिति सुधारी नहीं जा सकती। इसलिए हमने मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में 16 लाख 65 हजार किसानों का लगभग 623० करोड़ रूपए का अल्पकालिक कृषि ऋण माफ कर दिया। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ को धान के कटोरे के रूप में सम्मान दिलाने वाले अन्नदाताओं का यह हक है कि उन्हें धान का सम्मानजनक दाम मिले। हमने मंत्रि-परिषद् की पहली बैठक में प्रदेश के किसानों से 25 सौ रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने का वादा पूरा किया।
उन्होने कहा कि केन्द्रीय पूल में चावल खरीदी की मात्रा बढ़ाने का निवेदन भारत सरकार से किया गया है, लेकिन हमारी मांग नामंजूर होने की स्थिति में भी राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारियां निभाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि से संबंधित समस्त योजनाओं का लक्ष्य अन्नदाताओं का स्वावलंबन और खुशहाली हो। इसलिए कृषि विभाग का नाम बदलकर 'कृषि विकास, किसान कल्याण और जैव प्रौद्योगिकी विभाग' किया गया है जिससे किसान कल्याण का लक्ष्य सदा हमारी नजरों के सामने रहे। तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 25 सौ रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर चार हजार रूपए करने का निर्णय लिया गया है।