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रायपुर (राजनांदगांव): इस साल का सबसे बड़ा किसान आंदोलन सीएम के विधानसभा क्षेत्र राजनांदगांव में हुआ। जिसमें सोमवार को सैकड़ों किसानों ने गिरफ्तारी दी। सूखा राहत व फसल बीमा की मांग को लेकर जिला मुख्यालय में 2 बड़े आंदोलन सुबह से चल रहे थे। कांग्रेस के ग्रामीण जिला अध्यक्ष नवाज खान के नेतृत्व में विभिन्न गांव के किसान कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन करते हुए मुख्य द्वार पर ही धरने पर बैठ गए हैं। वहीं किसान संघ के नेतृत्व में करीब दर्जन भर गांव के सैकड़ों किसानों ने रैली निकालकर सरकार की नीतियों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।

आक्रोशित किसानों ने कहा सरकार हमें स्मार्टफोन नहीं हक दो। रैली की शक्ल में कलेक्ट्रेट घेरने पहुंचे किसानों की भीड़ पर हल्का बल भी प्रयोग किया गया। इस दौरान सैकड़ों किसानों ने गिरफ्तारी दी। यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में किसान एकजुट होकर आंदोलन कर रहे हैं। किसान आंदोलन में भीड़ देखकर कुछ देर तक प्रशासन के भी पांव फूल गए। किसानों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं।

इधर शासन-प्रशासन के अव्यवस्था से परेशान एक और किसान की खुदकुशी की खबर वाकई दुखदायी है। जिस जिले को सबसे ज्यादा बीमा की राशि मिली हो और यहां सूखे की मार झेल रहे किसानों को ही बीमा का क्लेम न मिले। ये प्रशासनिक अव्यवस्था ही है। बहरहाल इस मामले में भी प्रशासन का कहना है कि कर्ज जैसी कोई परेशानी नहीं है। इस आत्महत्या के पीछे कुछ और ही कारण है। पुलिस जांच कर रही है। खुलासा हो जाएगा।

शनिवार को सिंघोला क्षेत्र के ग्राम संबलपुर के ३२ वर्षीय किसान संतोष पिता स्व. शोभित साहू ने अपने ही घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव के ज्यादातर किसानों को बीमा राशि नहीं मिली है। संतोष ने पिछले सत्र सोसाइटी में एक दाना धान नहीं बेचा है। इस साल उम्मीद से फिर कर्ज कर खेती कर रहा था, लेकिन अब तक अच्छी बारिश नहीं होने से फसल भी प्रभावित थी।

बताया गया कि एक सप्ताह पहले ही संतोष अपने गांव के किसानों के साथ बीमा राशि की मांग को लेकर डीएम आॅफिस पहुंचा था। उसके घर में उनकी मां और पत्नी है। संतोष के साथ छोड़ देने के बाद उनकी परेशानी बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि कुछ सोसाइटी में कर्ज है और रिश्तेदारों में कर्ज की जानकारी उन्होंने नहीं दी थी। डोंगरगांव क्षेत्र के जनपद सभापति व जनता कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष महेन्द्र साहू ने संतोष की मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। सरकार के पास मोबाइल बांटने के लिए करोड़ों रुपए है, लेकिन सूखे की मार झेल रहे किसानों को बीमा राशि कम पड़ गई।

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