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रायपुर: महिला पत्रकार से बदसलूकी के मामले में क्राइम ब्रांच के टीआई गौरव तिवारी को एसपी डॉ संजीव शुक्ला ने निलंबित कर दिया। वहीं पूरे मामले की जांच महिला मजिस्ट्रेट से कराने के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा गया है। एसपी ने ये पत्र कलेक्टर को लिखा है।

उल्ल्र्खनीय है कि मंत्री के खिलाफ सेक्स सीडी मामले में वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को तीन दिन की पुलिस रिमांड देने के फैसले के बाद कोर्ट में हंगामे की स्थिति बन गई। दरअसल रिमांड मिलने के बाद जैसे ही पुलिस विनोद वर्मा को लेकर बाहर निकली। वहां मौजूद मीडियाकर्मियों ने विनोद वर्मा से बातचीत करने की कोशिश की।

इस बीच कोर्ट परिसर पहुंचे भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। ऐहतियात के तौर पर पुलिस दोबारा विनोद वर्मा को कोर्ट के भीतर ले गई। भारी हंगामा और गहमागहमी के बीच कुछ देर बाद पुलिस दोबारा विनोद वर्मा को लेकर बाहर निकली। इस दौरान पुलिस-मीडियाकर्मियों के बीच झूमाझटकी होने की भी खबर है।

बताया जा रहा है कि कोर्ट में कवरेज के लिए तैनात मीडियाकर्मियों ने विनोद वर्मा से सवाल पूछना चाहा, लेकिन पुलिस मीडियाकर्मियों को धक्के मारते हुए निकल गई। इससे आक्रोशित मीडिया और पुलिस के बीच जमकर बहसबाजी भी हुई। बहसबाजी के बीच धक्कामुक्की में कई पत्रकार औऱ पुलिस कर्मी जमीन पर गिर गए।

महिला पत्रकार का आऱोप, पुलिस ने बाल खींचकर किया बाहर

इधर कोर्ट में कवरेज करने पहुंची महिला पत्रकारों से पुलिसकर्मियों द्वारा बदसलूकी की गई। बताया जा रहा है कि विनोद वर्मा से महिला पत्रकार उनका पक्ष जानना चाहती थी। इस दौरान पुलिसकर्मी ने श्रेया पांडेय नाम की महिला पत्रकार को पुलिसकर्मियों ने लात से भी मारा।

एक अन्य महिला पत्रकार अंकिता शर्मा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने आपत्तिजनक ढंग से सीने पर हाथ रखते हुए धक्का मारा है। नाराज पत्रकारों ने इसका पुरजोर तरीके से विरोध किया। पत्रकारों ने पुलिसिया बर्ताव के विरोध में सिविल लाइन थाना पहुँचकर गहरी नाराजगी जाहिर की।

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