रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव के चौथे चरण का प्रचार आज शाम समाप्त हो गया। राज्य के चार जिलों-धनबाद, देवघर, गिरिडीह और बोकारो के 15 निर्वाचन क्षेत्रों में इस चरण के दौरान सोमवार को वोट डाले जाएंगे। इन निर्वाचन क्षेत्रों में से पांच क्षेत्र बगोदर, जमुआ, गिरिडीह, डुमरी और टुंडी नक्सलवादियों के असर वाले हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं ने अंतिम दौर के प्रचार अभियान में मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के प्रयास किए। गिरिडीह और देवघर में चुनाव रैली को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि भाजपा सरकार झारखंड में नक्सली हिंसा को समाप्त कर सकती है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की आलोचना करते हुए शाह ने कहा कि इसमें शामिल पार्टियां केवल सत्ता में आने के लिए एकत्र हुई हैं और राज्य के लोगों के कल्याण से उन्हें कुछ लेना-देना नहीं है।
दूसरी तरफ, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के पक्ष में मतदान का आग्रह करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि अगर उनका गठबंधन सत्ता में आता है, तो अन्य पिछड़े वर्गों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा और किसानों के ऋण माफ कर दिए जाएंगे।
झारखंड विकास मोर्चा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के शासन में राज्य में गरीबों को लक्ष्य बनाया गया और उनके पांच लाख से अधिक राशन कार्ड रद्द कर दिए गए। उन्होंने कहा कि ढाई लाख से अधिक निर्धन लोगों को पेंशन योजना से वंचित रखा गया।
आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों के नेताओं ने भी रैलियों को संबोधित किया। ए.जे.एस.यू. अध्यक्ष सुरेश कुमार महतो ने भी अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए चुनाव रैलियां कीं।