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रांची: केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने घुसपैठियों को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए सोमवार को डेडलाइन दी। अमित शाह ने झारखंड में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि साल 2024 के पहले देश के एक-एक घुसपैठियों को चुन-चुन कर निकालने का काम भाजपा सरकार करने वाली है। अमित शाह ने राहुल गांधी को लेकर कहा कि वे कहते हैं कि एनआरसी क्यों ला रहे हो? घुसपैठियों को क्यों निकाल रहे हो? कहां जाएंगे, क्या कहेंगे?

अमित शाह ने झारखंड के लोगों से अपने मताधिकार का इस्तेमाल उनकी पार्टी के पक्ष में करने की अपील करते हुए कहा कि उनका मत तय करेगा कि राज्य विकास के पथ पर बढ़ेगा या नक्सलवाद की राह पर। उन्होंने यहां एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड के लिये राष्ट्रीय और स्थानीय मुद्दे समान महत्व के हैं क्योंकि राज्य के लोग चाहते हैं कि नक्सलवाद की तरह ही आतंकवाद का भी खात्मा हो। उन्होंने दावा किया, 'सीमा पर सुरक्षा में तैनात अधिकांश जवान झारखंड से हैं। इस राज्य के लोग चाहते हैं कि आतंकवाद और नक्सलवाद को खत्म किया जाए। मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) ने हवाई हमले और सर्जिकल स्ट्राइक के जरिये आतंकवादियों को उपयुक्त जवाब दिया है।'

 

विपक्षी धड़े पर निशाना साधते हुए केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि आदिवासियों के अधिकारों का दोहन करने वाले, करोड़ों रुपये की घूसखोरी में शामिल और चुनावी टिकटों की खरीद-बिक्री करने वाले दल कभी झारखंड के विकास के लिये काम नहीं कर सकते। उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन की कांग्रेस के साथ चुनाव-पूर्व गठबंधन करने के लिये भी आलोचना की।

शाह ने कहा, 'जब भाजपा और गुरु जी (झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन) अलग झारखंड के लिये प्रदर्शन कर रहे थे तब कांग्रेस ने इस मांग का विरोध किया था और राज्य के युवकों पर गोलियां चलवाई थीं। मैं हेमंत जी से पूछना चाहता हूं कि कांग्रेस से हाथ मिलाने के लिये उन्हें किस बात ने प्रेरित किया।'

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