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रांची (जनादेश ब्यूरो): महाराष्ट्र की तरह ही झारखंड में भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और उनके सहयोगियों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर पेंच फसता दिख रहा है। भाजपा अपने सहयोगियों को सीट बंटवारे पर नहीं मना पा रही है। यही वजह है कि लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने आगामी चुनाव में भाजपा से अलग उम्मीदवार उतारने का एलान किया है। चिराग पासवान ने इसे लेकर एक ट्वीट किया।

इस ट्वीट में उन्होंने कहा कि झारखंड में चुनाव लड़ने का आख़िरी फ़ैसला प्रदेश इकाई को लेना था। लोक जनशक्ति पार्टी झारखंड प्रदेश इकाई ने यह फ़ैसला लिया है पार्टी 50 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। आज शाम तक पार्टी के उमीदवारों की पहली सूची का एलान हो जाएगा। झारखंड में चुनाव लड़ने का आख़िरी फ़ैसला प्रदेश इकाई को लेना था। लोक जनशक्ति पार्टी झारखंड प्रदेश इकाई ने यह फ़ैसला लिया है पार्टी 50 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। आज शाम तक पार्टी के उमीदवारों की पहली सूची का एलान हो जाएगा।

झारखंड में भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियां आगामी विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर आपस में उलझती दिख रही है। यही वजह है कि ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) ने उन चार सीटों पर भी उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है जिन पर भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। उधर, लोक जनशक्ति पार्टी ने भी आगामी चुनाव में अकेले लड़ने की बात कही है।

बता दें कि भाजपा ने अपने सहयोगी दलों के साथ चल रही अनबन के बीच अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची को फिलहाल टाल दिया है। इससे पहले ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन ने 12 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी। जबकि भाजपा ने चार सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की थी। ये चारों सीटें सिमरिया, मांडू, सिंदरी और चक्रधरपुर हैं। खास बात यह है कि चक्रधरपुर से भाजपा ने राज्य पार्टी के अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ के नाम की घोषणा की थी। लेकिन बाद में ऑल झारखण्ड स्टूडेंस्ट यूनियन ने चक्रधरपुर से भी अपना उम्मीदवार मैदान में उतार दिया।

बता दें आगामी विधानसभा चुनाव में ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन 19 सीटों की मांग कर रही है। जबकि भाजपा उसे 9 सीटें देने पर तैयार है। उधर, रामविलास पासवान की एलजेपी ने झारखंड चुनाव में छह सीटों की मांग की थी। लेकिन भाजपा ने एलजेपी की यह मांग ठुकरा दी थी। इसके बाद ही रामविलास पासवान की पार्टी ने घोषणा की थी। वह आगामी चुनाव में अब 37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

2014 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा, आजसू और एलजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। तब भाजपा ने 72 सीटों पर, आजसू 8 और एलजेपी ने एक सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारा था।

पुराने सहयोगी जदयू की भी चुनौती

यहां भाजपा को अपने सबसे पुराने सहयोगियों में से एक जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) से भी मुकाबला करना होगा। जदयू ने राज्य की सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले सप्ताह नई दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अपना रुख स्पष्ट कर दिया था। इस बैठक में उन्हें लगातार दूसरी बार जद-यू प्रमुख चुना गया था। जद-यू के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी झारखंड में सभी सीटों पर अपने दम पर लड़ेगी और भाजपा से गठबंधन नहीं करेगी। जदयू का भाजपा को मुश्किल में डालने का इतिहास रहा है। साल 2014 के लोकसभा चुनावों में हार के बाद जद-यू ने लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस के साथ मिलकर राज्य में 2015 के विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन किया था। इस महागठबंधन ने राज्य में भाजपा को हाशिये पर खड़ा कर दिया। हालांकि जून 2017 में जद-यू गठबंधन से बाहर आ गया और राज्य में सरकार बनाने के लिए दोबारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल हो गया।

पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा और जद-यू ने राज्य में बराबर सीटों पर चुनाव लड़ा। हालांकि मंत्रिमंडल में मन का विभाग नहीं मिलने पर नीतीश की पार्टी ने मंत्रिमंडल में शामिल होने से इंकार कर दिया। केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिलने पर नीतीश ने भी राज्य में मंत्रिमंडल पुनर्गठन में सहयोगी भाजपा को ज्यादा महत्ता नहीं दी। जद-यू ने मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी तीन-तलाक विधेयक को भी संसद में समर्थन नहीं दिया। भाजपा को वहीं दूसरी तरफ राज्य में अन्य सहयोगियों का विश्वास हासिल करने के लिए भी कठिन मेहनत करनी पड़ रही है।

राज्य में साल 2012 तक हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) भाजपा की सहयोगी पार्टी थी। लेकिन झामुमो ने भी भाजपा से नाता तोड़ लिया और कांग्रेस का हाथ थाम लिया। झामुमो-कांग्रेस-राजद के महागठबंधन ने पहले ही राज्य में साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है। जिसमें सोरेन मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। झामुमो 43 सीटों पर, कांग्रेस 31 सीटों पर और शेष सात सीटों पर राजद चुनाव लड़ेगी। राज्य में 30 नवंबर से 20 दिसंबर तक पांच चरणों में चुनाव होगा। मतगणना 23 दिसंबर को होगी।

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