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रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा और आजसू का गठबंधन सोमवार को टूट गया।महाराष्ट्र के बाद अब झारखंड में भी भाजपा की अपनी सहयोगी पार्टी के साथ अनबन सामने आ रही है। झारखंड में एनडीए सीटों को लेकर विवाद बढ़ गया है। भाजपा की सहयोगी आजसू ने बिना भाजपा से बात किए 12 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। इनमें तीन सीट पर कल भाजपा ने भी उम्मीदवारों की घोषणा की थी। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने घोषित सीटों पर भी अपने उम्मीदवारों के नाम का भी एलान कर दिया। लोहरदगा और चंदन कियारी सहित 11 उम्मीदवारों के नाम भाजपा ने जारी किये हैं।

झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव पांच चरण में होंगे। मतदान का पहला दौर 30 नवंबर को और अंतिम तथा पांचवां चरण 20 दिसंबर को होगा। मतगणना 23 दिसंबर को होगी। प्रथम चरण में कुल 13 विधानसभा सीटों के लिए 30 नवंबर को मतदान होगा। इनमें चतरा, गुमला, विशुनपुर, लोहरदगा, मनिका, लातेहार, पांकी, डाल्टनगंज, विश्रामपुर, छतरपुर, हुसैनाबाद, गढ़वा और भवनाथपुर शामिल हैं।

इन तेरह सीटों में चतरा, लातेहार और छतरपुर अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीटें हैं जबकि गुमला, बिशुनपुर, लोहरदगा और मनिका अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित सीटें हैं।

आजसू अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो को सिल्ली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव के लिए फिर से उम्मीदवार बनाया गया है। 2014 के विधानसभा चुनाव में महतो ये सीट हार गए थे। पार्टी ने जुगसलाई सीट पर जल संसाधन मंत्री रामचंद्र सहिस को उतारा है।

आजसू पार्टी ने कुशवाहा शिवपूजन मेहता को भी टिकट दिया जिन्होंने 2014 के विधानसभा चुनावों में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर हुसैनाबाद सीट जीती थी और हाल ही में वह आजसू पार्टी में शामिल हो गए थे। पूर्व मंत्री उमाकांत रजक को चंदनकियारी से चुनाव लड़ने के लिए फिर से नामांकित किया गया है, वह पिछला चुनाव हार गए थे।

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