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रांची: झारखंड विधानसभा में बसपा के एकमात्र विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने शुक्रवार अपने हुसैनाबाद विधानसभाक्षेत्र के जपला में सीमेंट फैक्ट्री लगाये जाने के लिए सरकार की ओर से आवश्यक पहल न किये जाने से नाराज होकर सदन में विधायक पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन और भाजपा के वरिष्ठ मंत्री सी पी सिंह के अनुरोध मानते हुए वापस सदन में आ गये और उनका इस्तीफा विधानसभाध्यक्ष ने स्वीकार नहीं किया।

विधानसभा की कार्यवाही के दौरान आज भोजनावकाश के बाद जब सदन में विधायकों के निजी विधेयकों (प्राइवेट मेंबर बिल) पर चर्चा हो रही थी उसी दौरान बसपा विधायक ने अपने विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जपला में सीमेंट फैक्ट्री स्थापित किये जाने का विधेयक पेश किया जिसे सरकार ने तत्काल स्वीकार नहीं किया। संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि सरकार भवनाथपुर और जपला में सीमेंट फैक्ट्री स्थापित किये जाने की संभावनाओं पर पिछले लंबे समय से काम कर रही है और अच्छे निवेश का प्रस्ताव आने पर इस दिशा में कार्रवाई की जायेगी।

मंत्री के उत्तर से संतुष्ट न होने पर बसपा विधायक ने विधानसभाध्यक्ष से इस मामले में सरकार को निर्देश देने की मांग की। इस पर विधानसभाध्यक्ष दिनेश उरांव ने कहा कि यह सरकार का विषेषाधिकार है और वह इस मामले में ज्यादा कुछ कर नहीं सकते। नाराज बसपा विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने कहा कि यदि सरकार और विधानसभाध्यक्ष का उनके क्षेत्र की समस्या के प्रति यही रुख है तो वह अपने विधायक पद से इस्तीफा देते हैं। इस पर विधानसभाध्यक्ष ने हल्के अंदाज में कहा, ''लाइये इस्तीफा दे दीजिए। विधायक मेहता ने कहा, ''मैं इस्तीफा लिखकर लाया हूं और अपनी सीट से उठकर उन्होंने इस्तीफा विधानसभाध्यक्ष की ओर बढ़ा दिया।

विधानसभाध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद जैसे ही कुशवाहा सदन से बाहर जाने लगे उन्हें विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन और सरकार के वरिष्ठतम मंत्री सी पी सिंह ने रोक लिया और कहा कि ऐसे नहीं नाराज होते हैं। इस बीच विधानसभाध्यक्ष दिनेश उरांव ने भी कहा, ''भावावेश में इस तरह का कदम नहीं उठाना चाहिए। ऐसे इस्तीफा नहीं दिया जाता है। जनता के कार्यों के लिए जनसेवकों को तो संघर्ष करना होता है। बाद में कुशवाहा वापस सदन में आये और उन्होंने सदन की शेष कार्यवाही में हिस्सा भी लिया।

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