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रांची: अदालत ने रिचा भारती की जमानत की शर्तों में सुधार करते हुए पांच कुरान बांटने के पहले के आदेश को हटा दिया है, अन्य शर्तें पूर्ववत रहेगी। पांच कुरान बांटने की सशर्त मिली जमानत पर पिछले दिनों विभिन्न संगठनों ने इसका विरोध किया था। इस मामले में अधिवक्ता भी उग्र थे। बुधवार को मामले के जांच अधिकारी विनोद राम ने सहायक लोक अभियोजक मिनाक्षी कंडुलना के माध्यम से न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत में आवेदन देकर अनुरोध किया कि पांच कुरान बांटने के आदेश को हटाया जाए। क्योंकि इस आदेश के कार्यान्वयन में कठिनाईयां आ रही है। अदालत ने जांच अधिकारी के अनुरोध पर पांच कुरान दान करनेवाली शर्त को 15 जुलाई को जारी आदेश से हटा दिया गया। अन्य शर्त को बरकरार रखा।

क्या थी  सशर्त जमानत 

रिचा भारती को 15 जुलाई को सशर्त जमानत मिली थी। जिसमें एक शर्त पांच कुरान दान करना शामिल था। इसमें से एक कुरान सूचक सदर अंजुमन कमेटी पिठोरिया के मंसूर खालिफा को देना होगा।

अन्य चार कुरान सरकारी स्कूल, कॉलेज या विश्वविद्यालय में स्वयं जाकर दान देने को कहा गया था। इसी शर्त पर जमानत अर्जी स्वीकार की गयी थी। नियम व शर्तें को 15 दिनों के अदंर पूरा करने का निर्देश दिया गया है। जेल से निकलने के बाद जब रिचा को इसकी जानकारी मिली तो उसने जमानत की शर्त का विरोध किया। साथ ही कई सामाजिक संगठन कुरान दान की शर्त को राजनीति रूप देने लगे

क्या है मामला सदर

अंजुमन कमेटी पिठोरिया के मंसूर खलीफा ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने के शिकायत करते हुए युवती के खिलाफ पिठोरिया थाना में 12 जुलाई 2017 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी। इसकी सूचना डीसी एवं एसएसपी को भी दी थी। उसकी शिकायत पर युवती को 12 जुलाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। युवती पर आपसी सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश करने का आरोप है।

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