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चेन्नई: चक्रवाती तूफान 'निवार' चेन्नई में समुद्र तट से टकरा गया है और अगले कुछ ही घंटों में विकराल रूप धारण कर लेगा। तमिलनाडु और पुडुचेरी के कई इलाकों में मूलसाधार बारिश हो रही है तो चक्रवाती तूफान पेड़ों-खंभों और कच्चे घरों की छतों को उड़ाने को तैयार है। आईएमडी चेन्नई के एस बालाचंद्रन ने कहा कि चक्रवाती तूफान का लैंडफॉल प्रोसेस शुरू हो चुका है। यह पुडुचेरी में तट को तीन घंटे के भीतर पार करेगा।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने चक्रवात के मद्देनजर लोगों की सुरक्षा के लिए चेन्नई, वेल्लोर, कुड्डालोर, विल्लुपुरम, नागापट्टिनम, तिरुवरूर, चेंगलपेट, कांचीपुरम समेत 13 जिलों में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की। बुधवार को पहले ही अवकाश घोषित किया जा चुका था।

मौसम विभाग द्वारा बुधवार को जारी बुलेटिन में कहा गया, ''चक्रवाती तूफान के अति विकराल रूप धारण की आशंका है। इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 25 नवंबर की रात या 26 नवंबर तड़के तमिलनाडु और पुडुचेरी के बीच कराईकल और मामल्लापुरम तट से टकराने की आशंका है।

तूफान की गति 120-130 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी जो बढ़कर 145 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है।''

चक्रवात के प्रभाव से चेन्नई और आसपास के क्षेत्रों में रातभर बारिश हुई और निचले स्थानों में जलजमाव हो गया। इस बीच लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने कहा कि चेम्बरमबक्कम झील से एक हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा क्योंकि इसमें पानी अधिकतम स्तर पर पहुंचने वाला है। चक्रवात निवार के कारण चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बृहस्पतिवार की सुबह सात बजे तक बंद कर दिया गया है। यह जानकारी नागर विमानन मंत्रालय ने दी।

तमिलनाडु के कई हिस्सों में तेज हवाएं चलीं और बारिश हुई जिससे कई इलाके डूब गए। अधिकारियों ने एक लाख से अधिक लोगों को शिविरों में रखा है क्योंकि तट की तरफ भीषण चक्रवात बढ़ रहा है। नागर विमानन मंत्रालय ने ट्विटर पर लिखा, ''चक्रवात निवार के कारण मौसम की स्थिति को देखते हुए सुरक्षा और एहतियात के तौर पर चेन्नई हवाई अड्डे को अस्थायी रूप से शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक बंद किया गया है। सभी संबंधित पक्षों के साथ समन्वय किया जा रहा है।''

तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटीय इलाकों से चक्रवात 'निवार के मद्देनजर एक लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) प्रमुख एस एन प्रधान ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ ने बंगाल की खाड़ी से तटीय इलाकों की ओर बढ़ रहे चक्रवात से निपटने के लिए कुल 50 दलों को चिह्नित किया है, जिनमें से 30 टीमों को तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में जमीन पर तैनात किया गया है।

विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश), कटक (ओडिशा) और त्रिशूर (केरल) में 20 दलों को तैयार रखा गया है। प्रधान ने कहा ''चक्रवात के कारण पैदा होने वाली मुश्किल से मुश्किल चुनौती से निपटने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, चक्रवात के पहले जताए पूर्वानुमान की तुलना में थोड़ा देर से पहुंचने की संभावना है और यह 26 नवंबर या गुरुवार रात को दो-तीन बजे के बाद पहुंच सकता है।''

 

 

 

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