चेन्नई: कोरोना वायरस के कारण बुधवार को द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के विधायक जे अंबाजगन का निधन हो गया है। वे चेन्नई के निजी अस्पताल में भर्ती थे। वे एक हफ्ते पहले कोरोना वायरस की चपेट में मिले थे। उन्होंने बुधवार सुबह लगभग सात बजे अंतिम सांस ली। अंबाजगन चेन्नई पश्चिम जिले में डीएमके सेक्रेटरी भी थे। कोरोना वायरस से किसी जन-प्रतिनिधि की मौत का देश में यह पहला मामला है।
पिछले हफ्ते मंगलवार को उन्हें सांस लेने में दिक्कत और जुकाम-बुखार की शिकायत हुई थी। इसके बाद उनकी कोरोना जांच की गई जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद उन्हें चेन्नई के डॉ. रेला इंस्टीट्यूट एंड मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया गया था। 61 साल के विधायक को किडनी से जुड़ी बीमारी भी थी। उनका शुगर लेवल भी हाई था। बुधवार को अस्पताल ने बयान जारी कर कहा, ‘अंबाजगन कोरोना वायरस और निमोनिया से अपनी जिंदगी की लड़ाई लड़ रहे थे। उनकी आज सुबह हालत बिगड़ गई। हमारी कोविड सुविधा में यांत्रिक वेंटीलेशन सहित पूर्ण चिकित्सा सहायता के बावजूद, बीमारी के कारण उनकी जान चली गई।’
बीते शुक्रवार को डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर ने अंबाजगन से मिलने के लिए गए थे। वे चेपक-ट्रिप्लिकेन विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। उन्होंने लॉकडाउन अवधि में राहत कार्यों में सक्रियता से हिस्सा लिया था। उनकी स्वास्थ्य स्थिति 15 साल पहले हुए लीवर प्रत्यारोपण की वजह से चुनौतीपूर्ण बन गई थी।
अंबाजगन पारंपरिक डीएमके परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता जयरमन भी डीएमके कार्यकर्ता थे। कुछ दिनों पहले स्टालिन ने उन्हें याद करते हुए बताया था कि कैसे आपातकाल के दौरान विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और उन्हें आंतरिक सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा था कि अंबाजगन ने पार्टी के लिए अपने पिता से ज्यादा काम किया।
अंबाजगन करुणानिधि और उनके बेटे एमके स्टालिन के करीबी थे। उन्हें चेन्नई में पार्टी चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जाना जाता था। उन्होंने पिछले दो दशकों में शहर में डीएमके के लिए लगभग सभी बड़े कार्यक्रम और विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था। राज्य के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने उनकी मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है।